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Dehradun: पति की मौत के बाद संघर्ष कर रही विधवा शांति राणा को जिला प्रशासन का सहारा, CSR फंड से 4 लाख की सहायता

देहरादून, 18 दिसंबर 2025: पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद दो मासूम बच्चों और एक किशोर पुत्र के साथ जीवन की कठिन परिस्थितियों से जूझ रही विधवा शांति राणा को जिला प्रशासन ने बड़ी राहत प्रदान की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर जिला प्रशासन ने CSR फंड से ₹4 लाख की आर्थिक सहायता शांति राणा के बैंक खाते में हस्तांतरित की, जिससे उनके ऊपर चल रहे ऋण का भार समाप्त हो सका।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शांति राणा के पति मनबहादुर ने परिवार की आजीविका के लिए ई-रिक्शा क्रय करने हेतु ₹3,72,600 का ऋण लिया था। दुर्भाग्यवश एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार में कोई कमाने वाला न होने के कारण ऋण की किश्तें भरना शांति राणा के लिए असंभव हो गया था।

जनता दर्शन में रखी थी पीड़ा, डीएम ने दिखाई संवेदनशीलता

विगत नवंबर माह में जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में शांति राणा ने अपनी दयनीय स्थिति से प्रशासन को अवगत कराया था। उन्होंने बताया कि उनकी 12 वर्षीय बेटी अंशिका, 5 वर्षीय पुत्र अक्षय तथा एक किशोर पुत्र की परवरिश और शिक्षा का पूरा दायित्व उन्हीं पर है, जबकि आय का कोई स्थायी साधन नहीं है।

मामले की गंभीरता और मानवीय पहलू को देखते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल उप जिलाधिकारी (न्याय) को प्रकरण की जांच कर नियमानुसार राहत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। जांच उपरांत जिला प्रशासन द्वारा CSR फंड से ₹4 लाख की धनराशि शांति राणा के खाते में ट्रांसफर की गई, जिससे बैंक ऋण का निपटारा हो गया।

रोजगार और शिक्षा की भी व्यवस्था

जिलाधिकारी सविन बंसल ने केवल आर्थिक सहायता तक सीमित न रहते हुए शांति राणा के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शांति राणा को उनकी योग्यता के अनुरूप किसी संस्थान में रोजगार से जोड़ा जाए। साथ ही उनकी पुत्री अंशिका की शिक्षा का पूरा भार जिला प्रशासन एवं संबंधित संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा।

सरकारी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा परिवार

जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को यह भी निर्देशित किया है कि पीड़ित परिवार को सभी पात्र शासकीय योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा लाभों एवं अन्य आर्थिक सहायता कार्यक्रमों से आच्छादित किया जाए, ताकि परिवार को दीर्घकालीन स्थिरता मिल सके और भविष्य में आजीविका के बेहतर साधन विकसित हो सकें।

जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।

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