देशफीचर्ड

मणिपुर के बिष्णुपुर–चूड़ाचांदपुर सीमा क्षेत्र में गोलीबारी, एक नागरिक घायल; इलाके में फिर बढ़ा तनाव

इंफाल। मणिपुर के अशांत हालात के बीच एक बार फिर हिंसा की घटना सामने आई है। राज्य के बिष्णुपुर और चूड़ाचांदपुर जिलों के सीमावर्ती बाहरी इलाकों में मंगलवार रात हुई गोलीबारी से क्षेत्र में नया तनाव फैल गया। अधिकारियों के अनुसार, यह घटना मंगलवार रात करीब 8:30 बजे चूड़ाचांदपुर जिले से सटे तोरबंग और फौगाकचाओ इखाई इलाकों के पास हुई, जहां कई राउंड फायरिंग की गई।


तोरबंग गांव पर हमला, सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई

प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, चूड़ाचांदपुर की ओर से आए कुछ अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने तोरबंग गांव को निशाना बनाया। हमले की सूचना मिलते ही मौके पर तैनात सुरक्षाबलों ने तत्काल जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से हुई गोलीबारी करीब 20 मिनट तक चली।


बम फेंकने का भी आरोप

अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी के दौरान हथियारबंद बदमाशों द्वारा बम फेंके जाने की भी सूचना मिली है। पहाड़ी और वन क्षेत्र के नजदीक हुई इस घटना से आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बन गया और लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।


एक नागरिक घायल, पहचान नहीं

इस हिंसक घटना में एक नागरिक के घायल होने की पुष्टि हुई है। हालांकि घायल व्यक्ति की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है। घायल को इलाज के लिए सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,

“हम गोलीबारी के कारणों और इसके पीछे के उद्देश्य की जांच कर रहे हैं। एहतियात के तौर पर इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। हालांकि तोरबंग क्षेत्र में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।”


विस्थापित परिवारों की मौजूदगी से बढ़ी संवेदनशीलता

स्थानीय लोगों के अनुसार, फौगाकचाओ इखाई और तोरबंग इलाके में सरकार के निर्देश पर पहले ही 67 परिवारों के लगभग 389 विस्थापित लोगों को बसाया गया था। ऐसे में इस क्षेत्र में हुई गोलीबारी ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं।


मणिपुर हिंसा का पृष्ठभूमि संदर्भ

गौरतलब है कि मणिपुर में 2023 से जारी जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। हालात पर काबू पाने के लिए राज्य में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।

हालांकि, सरकार की पहल से हाल के महीनों में बिष्णुपुर जिले से विस्थापित लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन ताजा घटना ने शांति बहाली की कोशिशों को एक बार फिर चुनौती दे दी है।


सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन और अतिरिक्त गश्त बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि हमले के पीछे कौन लोग थे और इसका मकसद क्या था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button