
देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान को व्यापक स्तर पर लागू करने जा रही है। इस अभियान के तहत 17 दिसंबर से अगले 45 दिनों तक प्रदेश की प्रत्येक न्याय पंचायत में बहुद्देशीय शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां पात्र नागरिकों को केंद्र और राज्य सरकार के 23 विभागों की योजनाओं से संतृप्त किया जाएगा।
इस संबंध में मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की और अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।
अभियान का लक्ष्य: हर पात्र नागरिक तक योजनाओं की पहुंच
मुख्य सचिव ने बैठक में स्पष्ट किया कि इस अभियान का मूल उद्देश्य प्रदेश के प्रत्येक पात्र नागरिक तक जनकल्याणकारी योजनाओं की सीधी और समयबद्ध पहुंच सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी पात्र व्यक्ति केवल जानकारी के अभाव या प्रक्रिया की जटिलता के कारण सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए।
उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान प्रत्येक न्याय पंचायत में कैम्प लगाकर योजनाओं से जुड़ी सेवाएं मौके पर ही उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे आम जनता को सरकारी कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।
जिलों को रोस्टर बनाकर कैम्प लगाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जनपदों में न्याय पंचायतों की संख्या के अनुसार रोस्टर तैयार करें और उसी के आधार पर कैम्प आयोजित करें। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में न्याय पंचायतों की संख्या अधिक है, वहां यह अभियान तब तक जारी रखा जाए जब तक सभी पात्र नागरिक योजनाओं से संतृप्त न हो जाएं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अधिकारियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सप्ताह 2 से 3 कार्य दिवसों में प्रत्येक तहसील की न्याय पंचायतों को कवर किया जाए।
कैम्प से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार अनिवार्य
मुख्य सचिव ने कहा कि बहुद्देशीय कैम्पों की सफलता के लिए पूर्व प्रचार-प्रसार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि—
- कैम्प लगने से पहले संबंधित न्याय पंचायत में इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाई जाए
- सोशल मीडिया और डिजिटल टूल्स का सक्रिय उपयोग किया जाए
- यह स्पष्ट रूप से बताया जाए कि किस दिन, किस स्थान पर और किन योजनाओं के लिए कैम्प लगेगा
उन्होंने यह भी कहा कि कैम्प से 2-3 दिन पूर्व आवेदन पत्र, पात्रता से जुड़ी जानकारी और आवश्यक दस्तावेजों की सूची पंचायत स्तर पर उपलब्ध करा दी जाए, ताकि लाभार्थी पूरी तैयारी के साथ कैम्प में पहुंच सकें।
कैम्प के बाद गांव-गांव जाकर भरवाए जाएंगे आवेदन
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कैम्प के आयोजन के बाद अधिकारी न्याय पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों का भ्रमण करें और उन पात्र नागरिकों की पहचान करें जो किसी कारणवश कैम्प में नहीं पहुंच पाए।
उन्होंने कहा कि ऐसे लाभार्थियों के आवेदन पत्र मौके पर ही भरवाए जाएं, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रह जाए।
23 विभागों की योजनाओं से होगी संतृप्ति
बैठक में बताया गया कि इन बहुद्देशीय कैम्पों के माध्यम से कुल 23 विभागों की योजनाओं का लाभ पात्र नागरिकों को दिया जाएगा। इनमें प्रमुख रूप से—
- समाज कल्याण विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाएं
- प्रमाण पत्र (जाति, आय, निवास आदि)
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)
- श्रम विभाग, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाएं
शामिल हैं।
इसके साथ ही राज्य एवं जनपद स्तरीय बैंकर्स समिति को भी कैम्पों में शामिल किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत ऋण सुविधा भी पात्र लाभार्थियों को उपलब्ध कराई जा सके।
प्रभारी सचिव करेंगे औचक निरीक्षण
मुख्य सचिव ने अभियान की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी सचिवों को अपने-अपने जनपदों में लगने वाले कैम्पों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कैम्पों में आमजन की शिकायतों का तत्काल निस्तारण सुनिश्चित किया जाए और इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि—
- प्रत्येक सप्ताह आयोजित कैम्पों की प्रगति रिपोर्ट
- मुख्यमंत्री कार्यालय
- मुख्य सचिव कार्यालय
- सामान्य प्रशासन विभाग
को अनिवार्य रूप से भेजी जाए।
इसके अलावा सभी जिलाधिकारियों को सभी आयोजित कैम्पों का डिजिटल डेटाबेस तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कैम्प डॉक्यूमेंटेशन के लिए बनेगा विशेष ऐप
मुख्य सचिव ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि बहुद्देशीय कैम्पों की डॉक्यूमेंटेशन और मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित किया जाए, जिससे—
- कैम्प की जानकारी
- लाभार्थियों का विवरण
- योजनाओं की प्रगति
एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सके।
बैठक में ये वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगौली, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, श्रीधर बाबू अद्धांकी, डॉ. वी. षणमुगम, विनोद कुमार सुमन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान उत्तराखंड सरकार की समावेशी और जनोन्मुखी प्रशासनिक सोच को दर्शाता है। न्याय पंचायत स्तर पर बहुद्देशीय कैम्पों के माध्यम से योजनाओं की सीधी पहुंच न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी, बल्कि आमजन का सरकार पर विश्वास भी मजबूत करेगी। आने वाले 45 दिन प्रदेश में सुशासन और जनसेवा की दिशा में निर्णायक साबित हो सकते हैं।



