UP: मथुरा में भीषण सड़क हादसा: यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे में 10 वाहन टकराए, चार लोगों की जलकर मौत, 25 से अधिक घायल

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मंगलवार तड़के एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा सामने आया है। घने कोहरे के बीच यमुना एक्सप्रेसवे पर सात यात्री बसों और तीन कारों की आपस में जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भयावह था कि कई वाहनों में आग लग गई, जिससे चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक यात्री घायल हो गए।
हादसा मंगलवार सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब अधिकतर यात्री बसों में सो रहे थे। अचानक हुई इस श्रृंखलाबद्ध टक्कर ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी।
घने कोहरे ने ली जान, विजिबिलिटी बेहद कम
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार, हादसे के वक्त यमुना एक्सप्रेसवे पर घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई थी। इसी कारण तेज रफ्तार में चल रही बसें और कारें एक-दूसरे से टकरा गईं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पहले एक बस अचानक रुकी, उसके पीछे आ रही बसें और कारें उसे समय पर नहीं देख पाईं और देखते ही देखते कई वाहन आपस में भिड़ते चले गए।
टक्कर के बाद कई बसों में लगी आग
हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टक्कर के बाद चार से अधिक बसों में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिल सका।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से ही दिखाई दे रहा था। कुछ यात्रियों को ग्रामीणों और अन्य यात्रियों ने शीशे तोड़कर बाहर निकाला।
चार लोगों की दर्दनाक मौत, कई झुलसे
इस हादसे में अब तक चार लोगों की जलकर मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। वहीं कई यात्री आग की चपेट में आकर झुलस गए, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार, घायलों की संख्या 25 से अधिक हो सकती है। इनमें से कुछ को मथुरा और आसपास के अस्पतालों में रेफर किया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं पुलिस और फायर ब्रिगेड
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गईं। दमकल कर्मियों ने आग बुझाने में काफी मशक्कत की। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
पुलिस ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर एक्सप्रेसवे पर यातायात बहाल करने का प्रयास किया। कई घंटों तक यमुना एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बाधित रहा।
एसएसपी मथुरा का बयान
मथुरा के एसएसपी श्लोक कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि—
“घने कोहरे के दौरान रात में सात बसें और कुछ कारें आपस में टकरा गईं। हादसे के दौरान चार से ज्यादा बसों में आग लग गई। इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अधिकतर की हालत फिलहाल स्थिर है।”
उन्होंने बताया कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है और एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा रहा है।
हादसे के रोंगटे खड़े कर देने वाले वीडियो सामने आए
हादसे के बाद भयानक वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें जली हुई बसें, धुएं के गुबार और क्षतिग्रस्त वाहन दिखाई दे रहे हैं। एक घायल यात्री ने बताया कि—
“हम लोग बस में सो रहे थे। अचानक जोरदार आवाज आई और बस में आग लग गई। लोग चीख-पुकार करने लगे। किसी तरह जान बचाकर बाहर निकले।”
यूपी में कोहरे का कहर जारी
उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में मंगलवार सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ है। सोमवार तक कोहरे का असर मुख्य रूप से हाईवे और शहरों के बाहरी इलाकों में था, लेकिन मंगलवार को लखनऊ समेत प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा देखा गया।
मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर कम होने और पछुआ हवाओं के चलने से कोहरे की तीव्रता बढ़ गई है। आने वाले कुछ दिनों तक सुबह और रात के समय कोहरा बना रह सकता है।
कोहरे में सड़क हादसों का बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण सड़क हादसों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। तेज रफ्तार, पर्याप्त दूरी न रखना और खराब विजिबिलिटी बड़े हादसों का कारण बनते हैं।
प्रशासन की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि—
- कोहरे में वाहन धीमी गति से चलाएं
- फॉग लाइट का उपयोग करें
- सुरक्षित दूरी बनाए रखें
- अनावश्यक यात्रा से बचें
प्रशासन ने जारी की सतर्कता की अपील
मथुरा हादसे के बाद प्रशासन ने हाईवे पर चलने वाले वाहन चालकों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील की है। ट्रैफिक पुलिस और एक्सप्रेसवे प्रबंधन को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
निष्कर्ष
मथुरा के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ यह भीषण सड़क हादसा एक बार फिर कोहरे और लापरवाही से होने वाले हादसों की गंभीरता को उजागर करता है। चार लोगों की दर्दनाक मौत और दर्जनों यात्रियों का घायल होना पूरे प्रदेश को झकझोर देने वाली घटना है।
अब सभी की निगाहें प्रशासन की कार्रवाई और हादसे के कारणों की जांच पर टिकी हैं। जरूरत इस बात की है कि कोहरे के मौसम में सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।



