
इस्लामाबाद, 9 दिसंबर। पाकिस्तान के रक्षा बलों के प्रमुख (Chief of Defence Forces – CDF) और आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन इसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को परखने की किसी भी कोशिश का “बहुत तीव्र और गंभीर” जवाब दिया जाएगा।
मुनीर को पाकिस्तान के पहले CDF के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद जीएचक्यू में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। निरीक्षण के बाद उन्होंने सशस्त्र बलों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी प्रकार की आक्रामकता का जवाब देने की पूरी क्षमता रखता है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पहली बड़ी प्रतिक्रिया
मुनीर का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था।
इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित कई आतंकी ढांचों को निशाना बनाया था। इसके बाद चार दिन तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद समाप्त हुईं।
मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान की रक्षा क्षमता पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए, और देश की संप्रभुता किसी भी कीमत पर सुरक्षित रहेगी।
अफगान तालिबान पर सख्त संदेश
पाकिस्तान–अफगानिस्तान सीमा तनाव पर मुनीर ने काबुल में तालिबान सरकार को भी तीखा संदेश दिया। उन्होंने कहा—
“तालिबान के पास अब केवल दो विकल्प हैं—
या तो पाकिस्तान के साथ खड़े हों,
या फिर TTP जैसे फितना अल-खवारिज समूहों को चुनें।”
पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को “फितना अल-खवारिज” की श्रेणी में रखा है। यह इस्लामी इतिहास में हिंसा और अराजकता फैलाने वाले एक उग्रवादी समूह के संदर्भ में उपयोग होता है।
मुनीर ने साफ किया कि पाकिस्तान अपनी धरती पर TTP के किसी भी समर्थन या गतिविधि को कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा।
नया पद, पांच साल का कार्यकाल
आसिम मुनीर पाकिस्तान के पहले Defence Forces Chief बने हैं।
सरकार ने पिछले सप्ताह ही उन्हें इस नई भूमिका के लिए पांच साल के कार्यकाल की अधिसूचना जारी की है।
CDF का यह नया पद पिछले महीने हुए 27वें संविधान संशोधन और 2025 में पाकिस्तान सेना, वायुसेना और नौसेना से जुड़े संशोधन विधेयकों के बाद अस्तित्व में आया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मुनीर आर्मी चीफ की भूमिका भी जारी रखेंगे — यानी अब वे पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली सैन्य पदों को एकसाथ संभाल रहे हैं।



