
नई दिल्ली: संसद का दूसरा सप्ताह सोमवार से एक बार फिर हंगामेदार होने की उम्मीद के बीच आज लोकसभा में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा होने जा रही है। दोपहर 12 बजे के बाद यह बहस शुरू होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक चर्चा की शुरुआत करेंगे।
संसद के पहले सप्ताह में विपक्ष लगातार SIR मुद्दे पर बहस की मांग करता रहा, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि सोमवार को प्राथमिकता ‘वंदे मातरम’ पर विशेष चर्चा को दी जाएगी और उसके बाद चुनावी सुधारों पर बहस होगी।
10 घंटे लंबी बहस, देर रात तक चल सकता है लोकसभा सत्र
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर करीब 10 घंटे की विस्तृत चर्चा निर्धारित की गई है। ऐसे में अनुमान है कि लोकसभा की बैठक सोमवार देर रात तक चल सकती है।
सत्ताधारी एनडीए के लिए तीन घंटे का समय तय किया गया है, जबकि विपक्ष को भी पर्याप्त समय दिया गया है।
कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी प्रमुख वक्ता होंगे। प्रियंका गांधी पहली बार इस मुद्दे पर संसद में बोलेंगी, जिसकी वजह से विपक्षी खेमे में भी खास उत्सुकता है।
PM मोदी रख सकते हैं ऐतिहासिक संदर्भ
प्रधानमंत्री मोदी इस चर्चा में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखे राष्ट्रीय गीत के इतिहास, आज़ादी के आंदोलन में इसकी भूमिका और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर बात कर सकते हैं।
‘वंदे मातरम’ पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था और तब से यह भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की प्रेरक ध्वनि बन गया।
पिछले महीने के बयान के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ा
इस बहस का राजनीतिक महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि कुछ सप्ताह पहले एक कार्यक्रम में PM मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि 1937 में फैजाबाद सेशन के दौरान पार्टी ने वंदे मातरम की “ज़रूरी पंक्तियाँ हटाईं”, जो “राष्ट्रगीत को बाँटने जैसा कदम” था।
कांग्रेस ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि यह निर्णय रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह पर लिया गया था और उद्देश्य था कि सभी समुदायों और धर्मों की भावनाओं का सम्मान किया जा सके।
यह विवाद इस चर्चा को और अधिक राजनीतिक रूप से संवेदनशील बना देता है।
राज्यसभा में मंगलवार को होगी अगली चर्चा
लोकसभा के बाद राज्यसभा में मंगलवार को ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा हो सकती है, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह द्वारा होने की संभावना है।
संसद का माहौल और विपक्ष की रणनीति
हाल के दिनों में संसद का माहौल लगातार टकराव से भरा रहा है। विपक्ष ने पहले सप्ताह में लगभग हर सत्र में SIR मुद्दे पर सरकार को घेरा।
कांग्रेस और इंडिया गठबंधन इस बहस का उपयोग अपनी राजनीतिक लाइन को मजबूत करने और सांस्कृतिक-ऐतिहासिक मुद्दों पर सरकार की राजनीति को चुनौती देने के लिए कर सकते हैं।
क्या उम्मीदें?
- सदन में इतिहास बनाम वर्तमान राजनीति का टकराव दिखेगा।
- प्रियंका गांधी की भागीदारी से चर्चा में नया राजनीतिक रंग आने के आसार हैं।
- पीएम मोदी के भाषण पर विपक्ष की खास नजर रहेगी, खासकर 1937 और राष्ट्रगीत के “हटाए गए हिस्सों” वाले बयान के संदर्भ में।
- देर रात तक बहस से यह सत्र संसद के सबसे लंबे दिनों में से एक हो सकता है।



