
देहरादून, 06 दिसंबर 2025: विश्व दिव्यांग सप्ताह के अवसर पर शनिवार को देहरादून में एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल देखने को मिली, जब रफेल होम संस्था द्वारा बौद्धिक दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करने हेतु “वॉक फॉर डिसएबिलिटी” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी सविन बंसल और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिनव शाह ने दून लाइब्रेरी चौक से गुब्बारे उड़ाकर किया।
इस वॉक में लगभग 300 बौद्धिक दिव्यांग जन, बच्चे, अभिभावक और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस पहल ने न केवल शहर में समावेशी समाज की दिशा में मजबूत संदेश दिया, बल्कि दिव्यांग बच्चों के मनोबल को भी नई ऊंचाई प्रदान की।

डीएम और सीडीओ ने बच्चों के साथ पैदल चलकर बढ़ाया उत्साह
वॉक के दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल और सीडीओ अभिनव शाह स्वयं दिव्यांग बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहे। दोनों अधिकारियों ने मार्ग भर प्रतिभागियों से संवाद किया, उन्हें प्रोत्साहित किया और समाज में समावेश तथा समान अवसरों की दिशा में जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई।
जिलाधिकारी ने कहा,
“बौद्धिक दिव्यांगजन समाज के अभिन्न अंग हैं। उनके अधिकारों की रक्षा, सुलभ वातावरण उपलब्ध कराना और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना हमारा सर्वोच्च दायित्व है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार और जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि दिव्यांग समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ा जाए, और उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं सामाजिक भागीदारी के अवसरों को और मजबूत किया जाए।
निर्धारित मार्ग पर जागरूकता संदेशों के साथ निकली शोभायात्रा
“वॉक फॉर डिसएबिलिटी” दून लाइब्रेरी चौक से प्रारंभ होकर विकास भवन चौक, एस्लेहॉल मार्ग होते हुए पुनः लाइब्रेरी चौक पर वापस लौटी। पूरे मार्ग में प्रतिभागी बैनर, स्लोगन कार्ड और जागरूकता संदेशों के साथ चल रहे थे।
संदेशों का मुख्य फोकस था—
- दिव्यांगजनों के अधिकार
- समावेशी शिक्षा
- सामाजिक समानता
- सुलभ (Accessible) वातावरण
- नागरिकों की संवेदनशीलता
प्रतिभागियों ने राहगीरों और स्थानीय नागरिकों से अपील की कि समाज को दिव्यांगजनों के प्रति अधिक जागरूक, संवेदनशील और सहयोगी बनने की आवश्यकता है।
रफेल होम संस्था के प्रयासों की डीएम ने की सराहना
कार्यक्रम के दौरान डीएम सविन बंसल ने रफेल होम द्वारा दिव्यांगजनों के उत्थान में किए जा रहे सतत प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था ऐसे बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य कर रही है और प्रशासन भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को पूरा समर्थन देगा।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि माननीय मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि दिव्यांगजनों के लिए अधिक से अधिक अवसर बनाए जाएं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में पूर्ण गरिमा के साथ जोड़ा जाए।
स्कूलों और संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में ब्राइटलैंड स्कूल के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। बच्चों ने आकर्षक स्लोगन और पोस्टरों के माध्यम से दिव्यांगजनों के प्रति सम्मान और समर्थन का संदेश प्रसारित किया।
इसके अतिरिक्त—
- विभिन्न विभागों के अधिकारी
- सामाजिक संगठनों के सदस्य
- शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि
- अभिभावक और स्वयंसेवक
भी सक्रिय रूप से शामिल हुए।
स्कूल की प्रधानाध्यापक सुरभि, मेघा, रफेल होम के सीईओ प्रियालाल, तथा अनेक शिक्षक व कर्मचारी भी आयोजन में उपस्थित रहे।
जागरूकता, समावेश और संवेदनशीलता की नई शुरुआत
इस अभियान ने स्पष्ट संदेश दिया कि समाज का हर सदस्य दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा और अधिकारों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
दिव्यांगजन समाज की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की शक्ति, प्रतिभा और विविधता का हिस्सा हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन ऐसे प्रयासों को निरंतर समर्थन देता रहेगा, जिससे दिव्यांगजनों को शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और अवसरों तक बेहतर पहुंच मिले।
कार्यक्रम का सफल समापन
लाइब्रेरी चौक पहुंचकर “वॉक फॉर डिसएबिलिटी” का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। आयोजकों ने प्रतिभागियों, अधिकारियों और स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल भविष्य में व्यापक सामाजिक परिवर्तन का आधार बनेगी।



