
पटना: देश में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी पर नकेल कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को एक समन्वित और व्यापक अभियान चलाया। यह ऑपरेशन तीन राज्यों — बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा — में एक साथ संचालित किया गया। इस दौरान एनआईए ने 22 टीमों को तैनात कर कुल 22 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें बड़े पैमाने पर हथियार, गोला-बारूद, नकदी और डिजिटल सबूत बरामद किए गए। जांच एजेंसी ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह कार्रवाई एक ऐसे समय पर हुई है जब देश की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां अवैध हथियारों के नेटवर्क को लेकर अधिक सतर्क हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल नक्सल गतिविधियों, गैंग-संचालित अपराधों और कट्टरपंथी समूहों में बढ़ता पाया गया है।
तीन राज्यों में समन्वित छापेमारी, 22 लोकेशन बने निशाना
एनआईए के आधिकारिक बयान के अनुसार, छापेमारी सुबह तड़के शुरू हुई और कई घंटे तक चली।
कार्रवाई का विवरण:
- बिहार: नालंदा, शेखपुरा और पटना में 7 लोकेशन
- उत्तर प्रदेश: औरैया जिले में 13 लोकेशन
- हरियाणा: कुरुक्षेत्र जिले में 2 लोकेशन
एजेंसी की 22 टीमों ने स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर छापेमारी को अंजाम दिया। कई स्थानों पर सुरक्षा कारणों से आसपास के इलाकों को अस्थायी रूप से घेराबंदी में लिया गया था।
एनआईए अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन पिछले कई सप्ताह से प्लान किया जा रहा था और इसमें कई मानव स्रोतों और तकनीकी इनपुट्स का उपयोग किया गया।
हथियार, गोला-बारूद और 1 करोड़ से अधिक की नकदी बरामद
तलाशी के दौरान बरामदगी बड़ी और अहम मानी जा रही है। एनआईए ने जब्त किया:
- विभिन्न बोर के बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद
- 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद रकम
- कई डिजिटल डिवाइस (लैपटॉप, मोबाइल, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव आदि)
- आपत्तिजनक और एन्क्रिप्टेड डेटा
- फर्जी एवं संदिग्ध पहचान दस्तावेज
- तस्करी नेटवर्क से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और डायरी
एनआईए के अनुसार, डिजिटल डिवाइसों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, जिससे इस नेटवर्क के अन्य राज्यों से जुड़ाव की संभावना खंगाली जाएगी।
चार तस्कर गिरफ्तार, बड़े नेटवर्क के सदस्य बताए जा रहे हैं
तलाशी के दौरान एजेंसी ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम हैं:
- शशि प्रकाश — पटना, बिहार
- रवि रंजन सिंह — शेखपुरा, बिहार
- विजय कालरा — कुरुक्षेत्र, हरियाणा
- कुश कालरा — कुरुक्षेत्र, हरियाणा
एनआईए का कहना है कि सभी आरोपी अवैध हथियार एवं गोला-बारूद की तस्करी, खरीद-फरोख्त और वितरण में सक्रिय रूप से शामिल थे। जांच एजेंसी का मानना है कि ये लोग एक बड़े इंटर-स्टेट नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो हरियाणा से गोला-बारूद लाकर यूपी और बिहार के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों में सप्लाई करता था।
हरियाणा से UP होकर बिहार तक पहुँच रहा था हथियारों का नेटवर्क
एनआईए की प्रारंभिक जांच के अनुसार, तस्करी का पूरा रूट इस प्रकार था:
- हरियाणा के अवैध मार्केट से गोला-बारूद की खरीद
- UP के औरैया को ट्रांज़िट हब के रूप में उपयोग
- बिहार में सप्लाई, जहाँ से आगे बिक्री और वितरण किया जाता था
जांच एजेंसी ने कहा कि यह नेटवर्क पिछले कई महीनों से सक्रिय था और तस्करी के लिए फर्जी दस्तावेज, अलग-अलग पहचान और गुप्त डिजिटल संचार का इस्तेमाल किया जा रहा था।
जुलाई से शुरू हुई जांच, अगस्त में NIA को सौंपी गई केस फाइल
यह मामला पहली बार जुलाई 2024 में खुला, जब बिहार पुलिस ने छापेमारी कर बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए थे और चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। उनकी पहचान इस प्रकार थी:
- राजेंद्र प्रसाद
- कुमार अभिजीत
- शत्रुधन शर्मा
- विशाल कुमार
जांच में नए लिंक मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने अगस्त 2024 में केस एनआईए को सौंपा, ताकि इसकी इंटर-स्टेट और इंटर-नेटवर्क जांच की जा सके। तब से एजेंसी लगातार डिजिटल ट्रेल, कॉल-डेटा रिकॉर्ड (CDR) और वित्तीय लेन-देन खंगाल रही है।
एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक मिली जानकारियाँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि तस्करी केवल छोटे पैमाने पर नहीं बल्कि संगठित और योजनाबद्ध तरीके से की जा रही थी।
एनआईए के निशाने पर अब नेटवर्क के बड़े लिंक
जांच एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है।
अगले चरण में:
- नेटवर्क के फंडिंग स्रोत
- सप्लाई चेन में शामिल और लोग
- हथियारों की अंतिम डिलीवरी पॉइंट
- डिजिटल व वित्तीय ट्रांज़ैक्शन्स
का विश्लेषण किया जाएगा। अधिकारियों ने संकेत दिया कि आने वाले समय में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।
आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती
अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रही है। ऐसे हथियार कई बार इस्तेमाल होते पाए गए हैं:
- गैंग-वार
- चुनावी हिंसा
- नक्सल एवं उग्रवादी गतिविधियों
- संगठित अपराध
एनआईए की आज की कार्रवाई को सुरक्षा विशेषज्ञ “नेटवर्क की कमर तोड़ने वाला प्रहार” मान रहे हैं।
अभी जांच जारी, संदिग्धों से पूछताछ शुरू
गिरफ्तार चारों आरोपियों से अलग-अलग टीमों द्वारा पूछताछ की जा रही है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि:
- नेटवर्क में उनकी भूमिका क्या थी
- सप्लाई चेन कितनी बड़ी है
- हथियार किन संगठनों/व्यक्तियों तक पहुँचाए जा रहे थे
- क्या इसके तार विदेशी या सीमावर्ती इलाकों से भी जुड़े हैं. एनआईए का कहना है कि कार्रवाई फिलहाल जारी है और जांच कई नई दिशाओं में आगे बढ़ रही है।



