
रुद्रपुर/देहरादून: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी और तराई क्षेत्र के संस्थापक माने जाने वाले पंडित राम सुमेर शुक्ल की 47वीं पुण्यतिथि पर बुधवार को रुद्रपुर में भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। रुद्रपुर राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पंडित शुक्ल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा उनके जीवन और योगदान पर आधारित शिलापट्ट का अनावरण किया। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री ने स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
पंडित शुक्ल: त्याग, संघर्ष और दूरदृष्टि का नाम
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित राम सुमेर शुक्ल राष्ट्रभक्ति, अनुशासन, त्याग और समर्पण के प्रतीक थे। छात्र जीवन से ही उनमें देश की सेवा का जज्बा था। उन्होंने बताया कि वर्ष 1936 में मात्र 21 वर्ष की उम्र में उन्होंने लाहौर अधिवेशन के दौरान मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत का खुलकर विरोध किया था, जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई।
गांधीवादी विचारों से प्रेरित होकर पंडित शुक्ल ने कानून की प्रैक्टिस छोड़कर खुद को स्वतंत्रता संग्राम में झोंक दिया। कई बार जेल गए, यातनाएँ झेलीं, लेकिन उनके साहस और देशप्रेम की भावना कभी नहीं टूटी। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान उन्होंने युवाओं को संगठित कर आंदोलन को नई दिशा देने में महती भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी पंडित शुक्ल ने किसानों, श्रमिकों और तराई क्षेत्र के लोगों की सेवा को ही अपना ध्येय बनाया। तराई कॉलोनाइजेशन योजना के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने इस क्षेत्र में बसावट और विकास की मजबूत नींव रखी। आज रुद्रपुर और तराई के जिस स्वरूप को हम देखते हैं, उसमें उनकी अद्वितीय दूरदृष्टि और परिश्रम की स्पष्ट छाप दिखाई देती है।

“पंडित शुक्ल का सपना, हमारी प्राथमिकता”— मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पंडित शुक्ल का स्वप्न एक सशक्त, समृद्ध और आधुनिक तराई क्षेत्र था। “सरकार का विकल्प रहित संकल्प है कि तराई क्षेत्र को विकास के हर पैमाने पर ऊँचाई पर ले जाया जाए। पंडित शुक्ल का सपना हमारे शासन की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है और इसे साकार करने के लिए सभी प्रयास निरंतर जारी हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि पंडित शुक्ल की स्मृति में रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण तेजी से चल रहा है। साथ ही, जिले और तराई क्षेत्र में सड़क, स्वास्थ्य, उद्योग और आधारभूत संरचना से जुड़ी कई परियोजनाएँ अभूतपूर्व पैमाने पर आगे बढ़ रही हैं।
तराई क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएँ और प्रगति पर चल रही परियोजनाएँ
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में तराई क्षेत्र के लिए चल रही प्रमुख परियोजनाओं की जानकारी साझा की—
- रुद्रपुर बाईपास का निर्माण लगभग 590 करोड़ रुपये की लागत से तेज़ी से प्रगति पर
- खटीमा–टनकपुर, गदरपुर–जसपुर मार्गों का चार लेन विस्तार
- 55 करोड़ रुपये से मानूनगर–गदरपुर–दिनेशपुर–हल्द्वानी मार्ग का चौड़ीकरण
- रुद्रपुर रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण, नई सिग्नल लाइनें और दो नए आरओबी
- पूरे क्षेत्र के लिए मास्टर ड्रेनेज प्लान को मंजूरी
- महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट्स निर्माण
- 15 करोड़ की लागत से कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट, तथा
- 17 करोड़ की लागत से एडवांस कूड़ा प्रबंधन प्लांट
उन्होंने बताया कि किच्छा में एम्स ऋषिकेश का सैटेलाइट सेंटर, पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, और विभिन्न शहरों में आधुनिक बस अड्डों का निर्माण उत्तराखंड को नई दिशा दे रहा है।
खेल सुविधाओं के विस्तार के साथ गदरपुर, रुद्रपुर और चकरपुर में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत किया जा रहा है।
औद्योगिक निवेश से तराई बनेगा राज्य का आर्थिक हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि तराई अब उत्तराखंड का सबसे बड़ा औद्योगिक सेक्टर बनने की ओर बढ़ रहा है।
- काशीपुर में अरोमा पार्क
- सितारगंज में प्लास्टिक पार्क
- काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर
- पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क
- खुरपिया में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी
उन्होंने कहा कि ये सभी परियोजनाएँ क्षेत्र को रोजगार, निवेश और आर्थिक विकास का बड़ा केंद्र बनाएँगी।
जमरानी बांध परियोजना को पुनः प्रारंभ किए जाने का भी उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे तराई क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई की समस्याएँ स्थायी रूप से दूर होंगी। साथ ही गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को बड़ा निर्णय बताया।
“धामी है तो हामी है”— पूर्व विधायक राजेश शुक्ल
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक राजेश शुक्ल ने कहा कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत के साथ पंडित राम सुमेर शुक्ल ने तराई की बसावट में ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज तराई जिस तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, वह पंडित शुक्ल की विरासत और मुख्यमंत्री धामी की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है।
उन्होंने यूसीसी और नकल-विरोधी कानून जैसे निर्णयों को “ऐतिहासिक” बताते हुए मुख्यमंत्री धामी का आभार जताया।
समापन
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री धामी पूर्व विधायक राजेश शुक्ल के आवास पहुँचे, जहाँ उन्होंने उनकी माताजी से आशीर्वाद लिया और भोजन ग्रहण किया।
कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, मेयर विकास शर्मा, पूर्व मंत्री, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।



