देशफीचर्ड

भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देगा पुतिन का दौरा: आज शाम से दो दिवसीय यात्रा के दौरान रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और सामरिक सहयोग पर होगी अहम वार्ता

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम भारत पहुंच रहे हैं। करीब 28 घंटे की इस महत्वपूर्ण यात्रा को भारत-रूस संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है। ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव की स्थिति बनी हुई है, पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के बीच सामरिक, आर्थिक और ऊर्जा साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

पुतिन शाम करीब 6 बजे दिल्ली पहुंचेंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में एक प्राइवेट डिनर की मेजबानी करेंगे। अगला पूरा दिन भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन और उच्च स्तरीय द्विपक्षीय बैठकों का होगा, जिन्हें लेकर पश्चिमी देशों की भी पैनी निगाह बनी हुई है।


पुतिन का यात्रा कार्यक्रम: मिनट-टू-मिनट प्लान

गुरुवार (आगमन दिवस):

  • शाम 6 बजे के आसपास पुतिन का दिल्ली आगमन
  • पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा प्राइवेट डिनर में स्वागत

शुक्रवार (मुख्य कार्यक्रम):

  • सुबह 9:15 बजे राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत
  • राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि
  • हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता
  • भारत मंडपम में भारत-रूस बिजनेस फोरम
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भोज
  • शाम करीब 9:30 बजे रूस के लिए प्रस्थान

दिल्ली में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम

राष्ट्रपति पुतिन दुनिया के सबसे ज्यादा सुरक्षा घेरे में रहने वाले नेताओं में से एक हैं। उनकी यात्रा के दौरान दिल्ली में सुरक्षा के लिए असाधारण इंतजाम किए गए हैं।

  • 5-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली लागू रहेगी
  • जिन रूटों से पुतिन गुजरेंगे, उन पर ड्रोन, जैमर और AI मॉनिटरिंग
  • फेस रिकॉग्निशन कैमरे लगातार स्कैनिंग कर रहे हैं
  • जगह-जगह स्नाइपर्स तैनात किए गए
  • पुतिन जिस होटल में ठहरेंगे, उसे हाई-सिक्योरिटी ज़ोन घोषित किया गया है
  • उनकी हाई-सेफ्टी कार ‘ओरस सेनात’ भी रूस से भारत लाई जा रही है
  • जब पीएम मोदी और पुतिन साथ होंगे, तभी SPG उनके प्रथम सुरक्षा घेरे का हिस्सा बनेगी

इन व्यवस्थाओं को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा अब तक के सबसे कड़े प्रोटोकॉल के तहत संचालित हो रही है।


शिखर वार्ता में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?

1. रक्षा सहयोग में नई दिशा

भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में दशकों पुराना गहरा सहयोग रहा है। इस शिखर वार्ता में निम्न बिंदु प्रमुख रहेंगे—

  • नई पीढ़ी के हथियारों और सैन्य तकनीक पर समझौता
  • संयुक्त उत्पादन और तकनीकी ट्रांसफर
  • आम्युनिशन सप्लाई की स्थिरता
  • ब्रह्मोस और अन्य सामरिक प्रणालियों पर आगे की साझेदारी

2. व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखना

यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है, जिससे भारत-रूस व्यापार असंतुलन बढ़ा है। भारत इस मसले को सीधे पुतिन के सामने उठाएगा।

  • भुगतान प्रणाली को डॉलर निर्भरता से मुक्त करने पर चर्चा
  • रुपए-रूबल व्यापार में और सहूलियत
  • लॉजिस्टिक चेन को मजबूत करने पर सहमति की संभावनाएं

3. ऊर्जा साझेदारी और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर

भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में रूस के साथ पहले से सहयोग कर रहा है। इस बार छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) पर भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार हो सकता है।

  • ऊर्जा सुरक्षा
  • जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सहायता
  • कम लागत वाले स्वच्छ ऊर्जा समाधानों पर सहयोग

4. पुतिन द्वारा नया रूसी सरकारी चैनल की लॉन्चिंग

शिखर वार्ता के बाद पुतिन रूस के सरकारी प्रसारक के भारत चैनल की शुरुआत करेंगे, जिसे दोनों देशों की मीडिया साझेदारी को बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है।


क्यों महत्वपूर्ण है यह यात्रा?

पुतिन का भारत दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब

  • भारत और अमेरिका के संबंधों में “अविश्वास और तनाव” की स्थिति बताई जा रही है
  • वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं
  • रूस पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच एशिया, खासकर भारत को रणनीतिक साझेदार के रूप में देख रहा है
  • भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा साझेदारी और वैश्विक संतुलन कायम रखने के लिए रूस को एक स्थाई सहयोगी मानता है

यह यात्रा भारत को वैश्विक शक्तियों के बीच अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को और मजबूती से प्रदर्शित करने का अवसर देती है।


निष्कर्ष

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा सिर्फ औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि भारत-रूस संबंधों को नई ऊर्जा देने का अवसर है। रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और भू-राजनीतिक संतुलन जैसे मुद्दों पर होने वाली चर्चाएं आने वाले वर्षों के लिए दोनों देशों की साझेदारी की दिशा तय करेंगी। दुनिया की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं—जहां दो प्रमुख राष्ट्र वैश्विक परिदृश्य को नई दिशा देने वाले फैसलों की ओर बढ़ रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button