
चम्पावत, 02 दिसंबर 2025 | उत्तराखंड सरकार धार्मिक पर्यटन को मजबूत आधार देने और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर मिशन मोड में काम कर रही है। इसी क्रम में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को चम्पावत पहुंचकर गोल्ज्यू मंदिर और बालेश्वर महादेव मंदिर में चल रही विकास योजनाओं की जमीनी प्रगति का विस्तृत निरीक्षण व समीक्षा की। मुख्य सचिव ने दोनों ही स्थलों को धार्मिक-सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं को तय समयसीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए, ताकि चम्पावत जिले में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को नई दिशा मिल सके।
गोल्ज्यू मंदिर में कॉरिडोर परियोजना का विस्तृत निरीक्षण
दिन की शुरुआत गोल्ज्यू मंदिर परिसर से हुई, जहां मुख्य सचिव बर्द्धन ने प्रस्तावित गोल्ज्यू कॉरिडोर परियोजना का विस्तृत स्थलीय निरीक्षण किया। यह कॉरिडोर न केवल मंदिर परिसर का सौंदर्य बढ़ाएगा, बल्कि श्रद्धालुओं को सुविधाजनक, सुरक्षित और व्यवस्थित अनुभव भी प्रदान करेगा।
अधिशासी अभियंता लोनिवो मोहन पलड़िया ने मुख्य सचिव को परियोजना की प्रगति, संरचनाओं की वर्तमान स्थिति, प्रस्तावित निर्माण, डिज़ाइन तथा कॉरिडोर के विभिन्न चरणों की प्रस्तुतिकरण के माध्यम से संपूर्ण जानकारी दी। प्रस्तुतिकरण में कॉरिडोर के मुख्य घटकों—
- प्रवेश द्वार का विकास
- सुगम मार्गों का निर्माण
- प्रकाश व्यवस्था
- श्रद्धालुओं हेतु शेड और बैठने की सुविधाएँ
- लैंडस्केपिंग एवं सौंदर्यीकरण
—को विस्तार से शामिल किया गया।
मुख्य सचिव ने मंदिर परिसर में पैदल भ्रमण कर उन स्थानों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया जहाँ कार्य प्रस्तावित हैं। उन्होंने मंदिर प्रबंधन, निर्माण एजेंसियों और विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा कर कार्ययोजना और उसके समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि “गोल्ज्यू मंदिर कुमाऊं की आस्था का केंद्र है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है। ऐसे में कॉरिडोर परियोजना न केवल सुविधा उपलब्ध कराएगी, बल्कि चम्पावत जिले को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर मजबूत स्थान दिलाएगी।”
बालेश्वर मंदिर में सौंदर्यीकरण और संरक्षण कार्यों की समीक्षा
गोल्ज्यू कॉरिडोर निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव बालेश्वर मंदिर पहुंचे। यह प्राचीन शिव मंदिर अपनी ऐतिहासिकता, लोक आस्था और अनूठी काष्ठ कला के लिए विख्यात है। मुख्य सचिव ने मंदिर परिसर, नौले और आसपास के क्षेत्रों में किए जाने वाले सौंदर्यीकरण तथा संरक्षण कार्यों की स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने अवलोकन के दौरान निर्देश दिए कि
- मंदिर के ऐतिहासिक स्वरूप को अक्षुण्ण रखा जाए,
- पुरातत्व विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर संरक्षण कार्य वैज्ञानिक ढंग से किया जाए,
- नौले के पुनर्जीवन एवं सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए,
- मंदिर परिसर में प्रकाश एवं स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि बालेश्वर मंदिर केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी राज्य की धरोहर है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विकास कार्यों के दौरान मूल वास्तुकला, पारंपरिक डिजाइन और सांस्कृतिक संरचना से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने दोनों मंदिरों में निरीक्षण के बाद कहा कि चम्पावत जिला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। गोल्ज्यू मंदिर और बालेश्वर मंदिर जैसे केंद्र न केवल स्थानीय आस्था का आधार हैं, बल्कि बाहरी राज्यों और देशों से आने वाले पर्यटकों के लिए भी महत्वपूर्ण आकर्षण रखते हैं।
उन्होंने कहा,
“धार्मिक पर्यटन का विस्तार स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से सशक्त करता है। मंदिरों के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के विकास से रोजगार बढ़ेगा, स्थानीय व्यापार को गति मिलेगी और चम्पावत जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत होगी।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि
- सभी विकास कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरे हों,
- गुणवत्ता पर कोई समझौता न किया जाए,
- पर्यावरण एवं सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जाएँ,
- स्थानीय समुदाय को भी इस प्रक्रिया से जोड़ा जाए।
उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में समीक्षा बैठक
निरीक्षण के दौरान राज्य के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें शामिल थे—
- कुमाऊं मंडलायुक्त दीपक रावत
- जिलाधिकारी मनीष कुमार
- पुलिस अधीक्षक अजय गणपति
- मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती
- अपर जिलाधिकारी कृष्णनाथ गोस्वामी
- जिला पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट
साथ ही लोक निर्माण, पर्यटन, पुरातत्व, नगरपालिका और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर उपस्थित रहे। अधिकारियों ने मुख्य सचिव को विकास कार्यों की प्रगति, चुनौतियों और आगामी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
चम्पावत को मिलेगा समग्र विकास का अवसर
मुख्य सचिव के इस निरीक्षण को क्षेत्रीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार लगातार चम्पावत को एक नए धार्मिक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है। गोल्ज्यू कॉरिडोर और बालेश्वर मंदिर जैसे प्रोजेक्ट आने वाले समय में न केवल चम्पावत की पहचान को ऊंचा करेंगे, बल्कि कुमाऊं क्षेत्र में पर्यटन की नई संभावनाओं को भी जन्म देंगे।
स्थानीय लोगों ने भी उम्मीद जताई कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद रोजगार, व्यापार और पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।



