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नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड में राज्य स्तरीय कार्यक्रम

मुख्यमंत्री धामी का युवाओं को संदेश — “नशे को मजबूती से ना कहें, साथियों को भी प्रेरित करें”

देहरादून। नशामुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मंगलवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से नशे के प्रति दृढ़ संकल्प के साथ “ना” कहने की अपील करते हुए कहा कि आज देश की युवा शक्ति ही नए भारत की वास्तविक आधारशिला है, जिसे किसी भी कीमत पर नशे की गिरफ्त में नहीं आने दिया जा सकता।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नशा केवल एक बुरी आदत नहीं, बल्कि ऐसी विनाशकारी प्रवृत्ति है, जो व्यक्ति की चेतना, विवेक और निर्णय क्षमता को नष्ट कर भविष्य को अंधकार में धकेल देती है। “नशे का प्रसार आज वैश्विक स्तर पर एक ‘साइलेंट वॉर’ की तरह है, और इसका सबसे बड़ा निशाना युवा हैं। ऐसे समय में समाज के हर वर्ग का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।”


प्रधानमंत्री मोदी की पहल को बताया निर्णायक कदम

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत को ऐतिहासिक और निर्णायक बताते हुए कहा कि इस पहल ने देशभर में नशे के विरुद्ध एक जनआंदोलन का रूप ले लिया है।

उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से उत्तराखंड सरकार ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखंड’ के संकल्प के साथ मिशन मोड पर कार्य कर रही है। सरकार का लक्ष्य राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त कर युवाओं को सुरक्षित और सकारात्मक भविष्य देना है।”


तीन वर्षों में 6,000 से अधिक गिरफ्तारियां, 200 करोड़ के मादक पदार्थ जब्त

मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया गया था। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस फोर्स ने पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा साझा किए गए प्रमुख आँकड़े—

  • 6,000 से अधिक आरोपी गिरफ्तार
  • 200 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मादक पदार्थ जब्त
  • राज्य के सभी जनपदों में नशामुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया गया
  • चार IRCA केंद्र संचालित, जिनमें उपचार, परामर्श और पुनर्वास की सुविधाएँ उपलब्ध
  • AIIMS ऋषिकेश की सहायता से एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (ATF) का संचालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य न केवल नशे की तस्करी पर नियंत्रण करना है, बल्कि नशाग्रस्त व्यक्तियों को पुनः मुख्यधारा से जोड़ना भी है। “नशे से उबर चुके प्रत्येक व्यक्ति समाज के पुनर्निर्माण की एक नई आशा है,” उन्होंने कहा।


राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग कमेटियां गठित

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि नशे के दुष्प्रभावों से छात्रों को जागरूक करने के लिए राज्य के प्रत्येक जिले के स्कूलों और कॉलेजों में एंटी-ड्रग कमेटियां बनाई गई हैं। इनमें छात्रों के साथ-साथ अभिभावक, शिक्षक और प्रधानाचार्य भी शामिल किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान समाज के सबसे प्रभावशाली और जिम्मेदार केंद्र हैं। इसलिए युवाओं में जागरूकता लाने के लिए स्कूल और कॉलेजों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।


‘ऐपण कला’ और ‘दगड़िया क्लब’ से जोड़कर अभियान को मिला स्थानीय स्वरूप

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला ऐपण को भी नशा विरोधी संदेशों से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। राज्यभर के शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर नशा विरोधी संदेशों वाली ऐपण पेंटिंग्स लगाई गई हैं, जो संस्कृति और सामाजिक चेतना—दोनों को प्रोत्साहित कर रही हैं।

इसी के साथ, युवाओं को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने हेतु ‘दगड़िया क्लब’ भी स्थापित किए गए हैं। इन क्लबों के माध्यम से युवा खेल, कला और सामाजिक कार्यों से जुड़कर अपने समय और ऊर्जा का सदुपयोग कर रहे हैं।


“मजबूत उत्तराखंड के लिए नशा मुक्त युवा आवश्यक”

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। लेकिन यह संकल्प तभी पूरा होगा जब युवा पीढ़ी अपनी पूरी ऊर्जा और क्षमता के साथ नशे जैसी बुराइयों से दूर रहे।

उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा—
“आप स्वयं नशे को ‘ना’ कहें और अपने साथियों को भी ‘ना’ कहने के लिए प्रेरित करें। युवा शक्ति ही उत्तराखंड और भारत के भविष्य को दिशा देगी।”


युवाओं को दिलाई नशामुक्त भारत की शपथ

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने उपस्थित युवाओं को नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज बनाना केवल सरकार या पुलिस का दायित्व नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है जिसमें युवा, परिवार और समाज की भूमिका सबसे अहम है।

इसके अलावा प्रदेश स्तर पर आयोजित भाषण और निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया।


कार्यक्रम में अनेक गणमान्य उपस्थित

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सविता कपूर, उत्तराखंड ओबीसी आयोग के अध्यक्ष संजय नेगी, सचिव समाज कल्याण डॉ. श्रीधर बाबू अद्यांकी, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन, निदेशक समाज कल्याण डॉ. संदीप तिवारी सहित अनेक अधिकारी और युवा उपस्थित रहे।

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