
देहरादून, 5 नवंबर: उत्तराखंड के राज्य स्थापना रजत जयंती वर्ष उत्सव को लेकर राजधानी देहरादून में तैयारियां चरम पर हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर एफआरआई (फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट) परिसर में होने वाले मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की तैयारियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। जिले के जिलाधिकारी सविन बंसल ने सोमवार तड़के सुबह 5:30 बजे स्वयं कार्यक्रम स्थल पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीएम का यह औचक निरीक्षण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उन निर्देशों के क्रम में हुआ, जिनमें उन्होंने राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम को भव्य और ऐतिहासिक स्वरूप देने तथा स्थल पर 24×7 मॉनिटरिंग के आदेश दिए थे। जिलाधिकारी बंसल ने स्थल पर पहुंचकर लाइटिंग, मंच व्यवस्था, सुरक्षा घेरा, आवागमन मार्ग और आपात व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि “प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही या कमी न रह जाए।”
डीएम ने अधिकारियों को कहा कि यह अवसर केवल सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की भावनाओं का प्रतीक है। “राज्य की रजत जयंती जनता के सामूहिक प्रयासों और संकल्पों की कहानी है। इस समारोह में हर नागरिक की भागीदारी और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कार्यक्रम स्थल की सफाई, यातायात नियंत्रण, वीवीआईपी मूवमेंट, और पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी आवश्यक दिशानिर्देश दिए। साथ ही, यह सुनिश्चित करने को कहा कि दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। जिलाधिकारी के साथ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की टीम भी मौजूद रही।
‘रियल हीरो’ की उपाधि से सम्मानित हुए जिलाधिकारी सविन बंसल
इसी दिन शाम को जिलाधिकारी सविन बंसल को जनता की ओर से एक भावनात्मक सम्मान प्राप्त हुआ। गंगोत्री एन्क्लेव रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी की महिलाओं ने उन्हें ‘रियल हीरो’ की उपाधि देकर सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें जनता के बीच लोकप्रियता, सेवा भावना और संवेदनशील नेतृत्व के लिए दिया गया।
गंगोत्री एन्क्लेव की महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर लोक पर्व ‘ईगास बग्वाल’ के अवसर पर जिलाधिकारी को सम्मानित करने का निश्चय किया था। प्रारंभिक योजना थी कि वे स्वयं कलेक्ट्रेट जाकर उन्हें सम्मानित करें, लेकिन जब यह सूचना जिलाधिकारी तक पहुंची तो उन्होंने मातृशक्ति को असुविधा से बचाने के लिए स्वयं उनके आवासीय परिसर, बंजारावाला स्थित गंगोत्री एन्क्लेव पहुंचने का निर्णय लिया।
डीएम के पहुंचते ही स्थानीय निवासियों और महिलाओं ने अक्षत, हल्दी और चंदन से टीका लगाकर तथा फूलमालाओं और शॉल से उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और बच्चों में ईगास पर्व का उल्लास देखने योग्य था। महिलाओं ने उन्हें दाल के पकोड़े परोसे — जो इस पर्व की पारंपरिक मिठास का प्रतीक है।
डीएम सविन बंसल ने सम्मान प्राप्त करने के बाद अत्यंत विनम्रता के साथ कहा,
“जनहित में किए जा रहे कार्य मेरे आधिकारिक दायित्व का हिस्सा हैं। यह जनता का स्नेह और विश्वास है, जो मुझे और अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री जी का भी यही मार्गदर्शन है कि राज्य में सौहार्द, सुरक्षा और जनकल्याण सर्वोपरि रहे।”
उन्होंने यह भी कहा कि “जनता के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं” और वे हर नागरिक की समस्या के समाधान के लिए तत्पर रहेंगे।
लोक पर्व और लोकसेवा का संगम
इस अवसर पर गंगोत्री एन्क्लेव वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष गिरीश गैरोला ने कहा कि डीएम सविन बंसल का जनता से जुड़ाव और उनकी सक्रियता अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व डीएम ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए स्वयं बाइक पर निकलकर एसएसपी के साथ गश्त की थी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।
“उसी क्षण से सोसाइटी की महिलाओं ने निश्चय किया कि ईगास पर्व के अवसर पर इस कर्मठ अधिकारी को सम्मानित किया जाएगा। उनकी संवेदनशीलता और जनता से निकटता उन्हें जनता का ‘रियल हीरो’ बनाती है,” गैरोला ने कहा।
महिलाओं ने डीएम को एक विशेष स्मृति-चिह्न भेंट किया, जिसमें उनके विभिन्न जनसेवी कार्यों की झलक दिखाई गई थी। इस मौके पर उपस्थित महिलाओं ने कहा कि डीएम का यह भावनात्मक जुड़ाव प्रशासन को केवल ‘सरकार का तंत्र’ नहीं, बल्कि ‘जनता का साथी’ बनाता है।
प्रशासनिक सेवा में मानवीय दृष्टिकोण का उदाहरण
डीएम सविन बंसल का कार्यशैली हमेशा से ही जनता के बीच चर्चा में रही है। चाहे वह आपदा के समय राहत कार्यों की निरंतर निगरानी हो, या शहर की सुरक्षा व्यवस्था का अचानक निरीक्षण—वे स्वयं मौके पर जाकर नेतृत्व करते हैं। उनके इसी जमीनी दृष्टिकोण ने उन्हें जनता के बीच एक संवेदनशील और सशक्त प्रशासक की पहचान दिलाई है।
गंगोत्री एन्क्लेव में उन्हें मिला ‘रियल हीरो’ सम्मान इस बात का प्रमाण है कि जनता केवल नीति नहीं, बल्कि नीतियों के पीछे खड़ी नीयत को भी पहचानती है।
राज्य की रजत जयंती की पृष्ठभूमि में बढ़ा जनता का भरोसा
राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर जब पूरा उत्तराखंड अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रहा है, तब प्रशासनिक ईमानदारी और लोकसेवा की ये कहानियां एक नया भरोसा जगाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित आगमन से लेकर ग्रामस्तर तक होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों तक, सबकी धड़कनों में एक ही संदेश है — उत्तराखंड आगे बढ़ रहा है, जनता के साथ और जनता के लिए।
डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में देहरादून प्रशासन ने इस भावना को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। तड़के सुबह निरीक्षण से लेकर देर शाम जनता के बीच पहुंचना — यह केवल कर्तव्य नहीं, बल्कि समर्पण की मिसाल है।



