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उत्तराखण्ड की बेटी अनीशा ने नागालैण्ड में रचा इतिहास — रेड रन मैराथन 3.0 में जीता स्वर्ण पदक

दीमापुर/देहरादून, 30 अक्टूबर: उत्तराखण्ड की पर्वतीय धरती की एक और बेटी ने राष्ट्रीय मंच पर राज्य का गौरव बढ़ाया है। चमोली जिले के छोटे से गाँव लुन्तरा (पो. नंदानगर) की कुमारी अनीशा ने नागालैण्ड के दीमापुर में आयोजित राष्ट्रीय रेड रन मैराथन 3.0 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 किलोमीटर दौड़ में महिला वर्ग का प्रथम स्थान हासिल किया।

यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सैकड़ों धावकों ने हिस्सा लिया।


कठिन प्रतिस्पर्धा में भी दिखाया आत्मविश्वास और फिटनेस का दमखम

तीव्र प्रतिस्पर्धा और ऊँचे स्तर की फिटनेस वाली इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अनीशा ने शानदार लय और गति के साथ दौड़ पूरी की। अन्य राज्यों के धावकों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने 10 किमी की दूरी सबसे तेज़ समय में पूरी कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

नाको के अपर सचिव एवं महानिदेशक की ओर से उन्हें ₹50,000 की पुरस्कार राशि, प्रशस्ति पत्र और स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर जब उत्तराखण्ड का नाम विजेता के रूप में घोषित हुआ, तो सभागार तालियों से गूंज उठा और उपस्थित दर्शकों ने अनीशा के सम्मान में खड़े होकर अभिवादन किया।


राज्य से राष्ट्रीय मंच तक — लगन और अनुशासन का परिणाम

कुमारी अनीशा की सफलता किसी एक दिन की उपलब्धि नहीं, बल्कि निरंतर मेहनत और अनुशासन की देन है। उन्होंने इससे पहले उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति (USACS) के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय रेड रन 3.0 प्रतियोगिता में 5 किलोमीटर वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

राज्य स्तर की उस जीत ने अनीशा को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचने की प्रेरणा दी, जहाँ उन्होंने एक बार फिर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि पर्वतीय क्षेत्र की बेटियाँ किसी भी स्तर की प्रतिस्पर्धा में देश का तिरंगा ऊँचा उठा सकती हैं।


सचिव आर. राजेश कुमार ने दी बधाई, कहा — “अनीशा ने उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाया”

सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तथा परियोजना निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार ने अनीशा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा,

“कुमारी अनीशा की यह उपलब्धि पूरे उत्तराखण्ड के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने न केवल राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी सिद्ध किया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन के साथ हर लक्ष्य संभव है।”

उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं की सफलता राज्य के अन्य खिलाड़ियों, विशेष रूप से बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।


रेड रन मैराथन — जागरूकता के साथ फिटनेस का संदेश

रेड रन मैराथन 3.0 केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की एक सामाजिक पहल भी है। इसका उद्देश्य युवाओं में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता, स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है।

इस आयोजन में शामिल प्रतिभागियों को न केवल दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेना होता है, बल्कि “Run for Red” थीम के तहत समाज को स्वस्थ और जागरूक बनाने का संदेश भी देना होता है।

दीमापुर में आयोजित इस वर्ष की मैराथन में देशभर से आए प्रतिभागियों ने जोश, खेल भावना और एकता का उदाहरण प्रस्तुत किया।


उत्तराखण्ड की टीम रही कार्यक्रम में मौजूद

इस आयोजन में उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति की टीम भी मौजूद रही, जिसमें उप निदेशक (वित्त) महेन्द्र कुमार, अनिल सती, मुकेश चिन्याला, विनोद कुमार, और नोडल अधिकारी हेमन्त सिंह कण्डारी शामिल थे। सभी ने कुमारी अनीशा की जीत पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि यह उपलब्धि राज्य के लिए गौरव का क्षण है।

टीम सदस्यों ने यह भी बताया कि उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी लगातार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है, जो राज्य की खेल नीतियों और जनजागरूकता अभियानों की सफलता को दर्शाता है।


अनीशा बनीं प्रेरणास्त्रोत — बेटियों के लिए एक नया उदाहरण

कुमारी अनीशा की इस जीत ने न केवल उनके परिवार और चमोली जिले को गर्वित किया है, बल्कि उन्होंने उत्तराखण्ड की बेटियों के लिए एक नई राह भी खोली है।

पर्वतीय इलाकों से निकलकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करना कठिन होता है, लेकिन अनीशा ने अपनी मेहनत, फिटनेस और जज्बे से यह साबित कर दिया कि संकल्प और परिश्रम से कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

स्थानीय ग्रामीणों और विद्यालय के शिक्षकों ने अनीशा की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे क्षेत्र का नाम ऊँचा किया है और आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश दिया है कि “अगर लक्ष्य बड़ा हो, तो राह खुद बन जाती है।”


उत्तराखण्ड की खेल प्रतिभाएँ फिर आगे बढ़ रहीं

हाल के वर्षों में उत्तराखण्ड की युवा प्रतिभाएँ लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं — चाहे बात ओलंपिक खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों की हो या राष्ट्रीय फिटनेस प्रतियोगिताओं की।

अनीशा की यह जीत इस कड़ी में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ती है। राज्य सरकार और खेल विभाग के अनुसार, अब ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में खेल सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक युवा राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें।


“रेड रन चैंपियन” बनी उत्तराखण्ड की बेटी

अनीशा को अब “रेड रन चैंपियन” के रूप में जाना जा रहा है। उनकी यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि महिला सशक्तिकरण, खेल भावना और सामाजिक जागरूकता का संगम है।

उनकी सफलता इस बात की भी गवाही देती है कि अगर अवसर और प्रोत्साहन मिले, तो उत्तराखण्ड की बेटियाँ किसी भी मंच पर देश का गौरव बन सकती हैं।

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