
मथुरा, 22 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मंगलवार रात एक बड़ा रेल हादसा हुआ, जब दिल्ली से मथुरा की ओर जा रही कोयला लदी मालगाड़ी के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना ने देश के दो प्रमुख रेल मार्गों — दिल्ली-आगरा और दिल्ली-मुंबई — पर ट्रेन परिचालन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया।
हादसा रात करीब 8:24 बजे वृंदावन रोड और आझई स्टेशन के बीच स्थित जैंत इलाके में हुआ। अचानक हुए इस हादसे से आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में कोई हताहत या घायल नहीं हुआ।
कोयला लदी मालगाड़ी के डिब्बे आड़े-तिरछे होकर पटरियों पर गिरे
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन कोयले से लदी थी और जैंत क्रॉसिंग पार करते ही 12 डिब्बे एक के बाद एक पटरी से उतर गए। तेज झटके से कुछ डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए, जिससे तीनों ट्रैक — अप, डाउन और तीसरी लाइन — पूरी तरह बाधित हो गए।
घटना के तुरंत बाद दिल्ली और आगरा से रेल यातायात रोक दिया गया, और मथुरा जंक्शन पर कई ट्रेनों को अस्थायी रूप से खड़ा किया गया। रात के समय होने के कारण दृश्यता कम थी, लेकिन स्थानीय रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया।
राहत ट्रेन और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे
हादसे की सूचना मिलते ही आगरा कैंट स्टेशन से दुर्घटना राहत ट्रेन (ART) रवाना की गई, जो रात 9:15 बजे के करीब घटनास्थल पर पहुंची।
उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, “दुर्घटना के बाद तुरंत ट्रैक क्लियरेंस का काम शुरू कर दिया गया है। इंजीनियरिंग और सिग्नल विभाग की टीमें मौके पर हैं। हमारी प्राथमिकता है कि सुबह तक कम से कम एक ट्रैक पर परिचालन शुरू किया जा सके।”
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी — डीआरएम आगरा, एडीआरएम मथुरा, सुरक्षा आयुक्त और ट्रैफिक विभाग के अधिकारी — रात में ही घटनास्थल पर पहुंच गए। मौके पर भारी मशीनरी और क्रेन लगाई गई हैं ताकि पटरी से उतरे डिब्बों को हटाया जा सके।
कई ट्रेनों का संचालन बाधित, यात्री फंसे
इस हादसे का सीधा असर दिल्ली और उत्तर भारत की कई प्रमुख ट्रेनों पर पड़ा। रेलवे सूत्रों के अनुसार, शताब्दी एक्सप्रेस, पंजाब मेल, नंदा देवी एक्सप्रेस, मेवाड़ एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस और संपर्क क्रांति एक्सप्रेस समेत दर्जनभर ट्रेनें या तो आगरा कैंट, मथुरा जंक्शन या बल्लभगढ़ स्टेशनों पर रोकनी पड़ीं।
ट्रेनों के रुकने से सैकड़ों यात्री घंटों तक कोचों में फंसे रहे। कुछ यात्रियों ने बताया कि ट्रेनें बिना किसी सूचना के लंबे समय तक खड़ी रहीं और खाने-पीने की व्यवस्था नहीं थी।
दिल्ली की ओर से यात्रा कर रहे एक यात्री राकेश गुप्ता ने बताया, “हमारी ट्रेन आगरा पहुंचने से पहले ही रुक गई। शुरुआत में लगा कि कोई सिग्नल दिक्कत है, लेकिन बाद में पता चला कि मथुरा में बड़ा हादसा हुआ है। लोग बेचैन थे, लेकिन राहत की बात है कि किसी को नुकसान नहीं पहुंचा।”
हादसे की वजह की जांच शुरू
रेलवे ने दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, पटरियों पर भारी दबाव और यांत्रिक खराबी इसकी वजह हो सकती है। हालांकि, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रैक में फ्रैक्चर या पॉइंट्स मशीन में तकनीकी गड़बड़ी की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देर रात हादसे की जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट पेश करने तथा वैकल्पिक मार्गों से ट्रेनें संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा,
“मथुरा रेलखंड पर हादसे की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। राहत और बहाली कार्य तेजी से जारी है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
बहाली कार्य रातभर जारी
रातभर रेलवे इंजीनियरिंग टीमें ट्रैक से डिब्बे हटाने और पटरी को दुरुस्त करने में जुटी रहीं।
रात 2 बजे तक दो डिब्बों को क्रेन की मदद से हटाया जा चुका था, जबकि शेष डिब्बों को हटाने में सुबह तक का समय लग सकता है।
रेलवे ने घोषणा की कि जब तक ट्रैक पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो जाता, दिल्ली-आगरा और दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट किया जाएगा।
यातायात ठप, प्रभावित हुई दर्जनों ट्रेनें
रेलवे के कंट्रोल रूम के अनुसार, हादसे के बाद लगभग 25 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। इनमें 10 एक्सप्रेस, 8 सुपरफास्ट और 7 मालगाड़ियां शामिल हैं।
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपने ट्रेन नंबर की स्थिति की जानकारी एनटीईएस (National Train Enquiry System) या रेल मदद ऐप से प्राप्त करें।
उत्तर मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने बताया, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि बुधवार दोपहर तक एक ट्रैक चालू हो जाएगा, जिससे धीरे-धीरे सामान्य संचालन बहाल किया जा सकेगा।”
स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय
मथुरा जिला प्रशासन ने मौके पर राजस्व और पुलिस विभाग की टीमें भेजीं। एसएसपी मथुरा शैलेश कुमार पांडेय ने बताया, “घटनास्थल को पूरी तरह सील कर दिया गया है ताकि किसी अनाधिकृत व्यक्ति की एंट्री न हो। स्थानीय लोगों को सुरक्षा दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।”
पिछले एक महीने में तीसरा बड़ा रेल हादसा
गौरतलब है कि पिछले एक महीने में यह तीसरा बड़ा रेल हादसा है जब किसी मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे हैं। इससे पहले 10 अक्टूबर को बिहार के बक्सर में मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी और 4 अक्टूबर को ओडिशा के झारसुगुड़ा में इसी तरह की घटना सामने आई थी।
रेलवे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मालगाड़ियों के डिब्बों पर अत्यधिक भार और पुरानी रैक प्रणाली दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बन रही है। वे सुझाव दे रहे हैं कि रेलवे को रखरखाव और नियमित निरीक्षण की आवृत्ति को और बढ़ाने की जरूरत है.