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Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने स्थानीय बाजार से की दीपावली की खरीदारी, स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का दिया संदेश

“स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देना ही सच्ची दीपावली है, स्वदेशी अपनाएं – आत्मनिर्भर भारत बनाएं”

देहरादून: दीपों के इस पर्व पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून की चकराता रोड स्थित स्थानीय दुकानों का दौरा कर स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी की। उन्होंने मिट्टी के दीये, बर्तन और पारंपरिक हस्तशिल्प सामग्री खरीदते हुए प्रदेशवासियों से भी आह्वान किया कि इस दीपावली पर ‘वोकल फॉर लोकल’ को आत्मसात करें और स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दें।

मुख्यमंत्री धामी ने बाजार में पहुंचकर दुकानदारों, कुम्हारों और स्थानीय हस्तशिल्पकारों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीद न केवल भारतीय परंपरा को जीवंत रखती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करते हुए UPI के माध्यम से सामान खरीदा और लोगों से आग्रह किया कि वे भी कैशलेस लेनदेन को अपनाएं। उन्होंने कहा,

“दीपावली का पर्व प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है। इस अवसर पर हमें अपने देश के कारीगरों और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। स्वदेशी उत्पादों की खरीद न केवल हमारी परंपरा को जीवित रखती है, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ के संकल्प को भी सशक्त बनाती है।”

व्यापार में आई रौनक, दुकानदारों में उत्साह

मुख्यमंत्री की खरीदारी के दौरान दुकानदारों में विशेष उत्साह देखने को मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस वर्ष जीएसटी की कम दरों और सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं की वजह से उनकी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दुकानदारों के अनुसार, लोग अब स्थानीय उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं, जिससे व्यापार में सकारात्मक बदलाव आया है।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार दीपावली के दौरान बाजारों में रौनक और व्यावसायिक गतिविधियों में बढ़ोतरी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “स्वदेशी अपनाओ” और “वोकल फॉर लोकल” के आह्वान का प्रत्यक्ष परिणाम है।

कारीगरों और लघु उद्यमों को मिलेगा संबल

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के स्थानीय कारीगरों, बुनकरों और हस्तशिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कलाओं और शिल्प को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही विशेष योजनाएं लागू करेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के छोटे व्यापारी, स्व-सहायता समूह और स्थानीय उत्पादक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सरकार इन सभी को प्रोत्साहन देने के लिए ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP)’ और ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ जैसी योजनाओं को और प्रभावी बना रही है।

जनता से भावनात्मक अपील

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा,

“हमारे घरों की रोशनी तब ही सार्थक होगी जब किसी स्थानीय कारीगर के घर में भी दीप जले। इस दीपावली पर हमें मिट्टी के दीयों से अपने घरों को सजाना चाहिए और भारतीय संस्कृति की सुगंध को अपने उत्सवों का हिस्सा बनाना चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल खरीदारी नहीं, बल्कि देशभक्ति का एक छोटा लेकिन सशक्त प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब हम स्थानीय उत्पादों की खरीद करते हैं, तो यह किसी परिवार की रोजी-रोटी, बच्चों की शिक्षा और उनकी मुस्कान से जुड़ा होता है।

स्थानीय बाजार में उमड़ा उत्साह

मुख्यमंत्री के बाजार भ्रमण से चकराता रोड पर उत्सव जैसा माहौल बन गया। लोगों ने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी ली और व्यापारियों ने धन्यवाद ज्ञापित किया कि उन्होंने त्योहार के इस अवसर पर उनके बीच आकर न सिर्फ स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया बल्कि छोटे व्यापारियों का हौसला भी बढ़ाया।

मुख्यमंत्री की इस पहल ने यह संदेश दिया कि दीपावली का असली अर्थ केवल घरों की सजावट नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में खुशहाली फैलाना है। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय व्यापारी संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

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