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Diwali 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने INS विक्रांत पर वीर जवानों संग मनाई दिवाली

“एक ओर अथाह समुद्र, दूसरी ओर मां भारती के वीर सिपाही… यही है भारत की असली रोशनी” — पीएम मोदी

गोवा/कारवार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष की दिवाली देश की समुद्री सीमा की रक्षा में जुटे वीर सशस्त्र बलों के जवानों के साथ मनाई। उन्होंने गोवा और कारवार के तटीय क्षेत्र में स्थित भारत के गौरव INS विक्रांत पर जवानों के साथ दीप जलाए, गीत सुने और राष्ट्र की सुरक्षा में उनके अदम्य साहस को सलाम किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,

“आज का यह दिन अद्भुत है, यह क्षण यादगार है… आज मेरे एक ओर अथाह समुद्र है तो दूसरी ओर मां भारती के वीर सिपाहियों का अथाह सामर्थ है।”


INS विक्रांत पर रोशनी, जोश और देशभक्ति का संगम

INS विक्रांत, जो भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत के रूप में देश की नौसैनिक शक्ति का प्रतीक है, इस बार दिवाली के दीपों और देशभक्ति की गूंज से आलोकित रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने जहाज पर मौजूद जवानों के साथ उत्सव साझा किया — उन्होंने दीये जलाए, सैनिकों के गीत सुने और उन्हें मिठाइयां बांटीं।

पीएम ने भावुक स्वर में कहा,

“INS विक्रांत पर बिताई कल की रात को शब्दों में कहना कठिन है। मैं देख रहा था कि आप सब उमंग और उत्साह से भरे हुए थे। आपने स्वरचित गीत गाए, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर का जो चित्रण था, उसे शायद कोई और कभी उतनी गहराई से महसूस नहीं कर सकता, जितना एक सैनिक कर सकता है।”

प्रधानमंत्री के ये शब्द सुनते ही वहां मौजूद जवानों की आंखों में गर्व और भावनाओं की चमक उतर आई।


समुद्र की गोद में देशभक्ति की दिवाली

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समुद्र की गहरी रात और भोर की पहली किरण के साथ इस बार की दिवाली उनके लिए बेहद खास रही।

“समुद्र की गहरी रात और सुबह का सूर्योदय — इसने मेरी दिवाली को कई मायनों में विशेष बना दिया है। आज मैं यहां से आप सभी को और देशवासियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं,”
प्रधानमंत्री ने कहा।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह दिवाली सिर्फ दीयों और पटाखों की नहीं, बल्कि बलिदान और समर्पण की रोशनी से भरी हुई है, जो हर उस सिपाही से निकलती है जो देश की रक्षा में दिन-रात खड़ा है।


“INS विक्रांत का नाम ही दुश्मन के हौसले तोड़ देता है”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में INS विक्रांत की रणनीतिक और प्रतीकात्मक ताकत का उल्लेख करते हुए कहा,

“कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम ने ही पूरे पाकिस्तान में खौफ की लहर दौड़ा दी थी। इसकी ताकत ऐसी है कि युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले पस्त हो जाते हैं। यही है INS विक्रांत की असली शक्ति।”

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का जीवंत प्रतीक है — वह भारत जो अपनी सुरक्षा के लिए अब किसी पर निर्भर नहीं, बल्कि अपने दम पर खड़ा है।


‘ऑपरेशन सिंदूर’: नए भारत की समुद्री ताकत का परिचायक

प्रधानमंत्री ने जवानों द्वारा गाए गए गीतों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के उल्लेख का विशेष जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमता और साहसिक दृष्टिकोण का उदाहरण है।

“जब हमारे जवान समुद्र की लहरों के बीच ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देते हैं, तो वह सिर्फ मिशन नहीं, बल्कि भारत के आत्मविश्वास की मिसाल बन जाता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना आज न केवल देश की सीमाओं की रक्षा कर रही है, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में ‘शांति और स्थिरता के स्तंभ’ के रूप में उभरी है।


“आप हैं तो देश है” — सैनिकों के नाम प्रधानमंत्री का संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में सैनिकों के साहस को नमन करते हुए कहा,

“आप हैं तो देश है, और देश है तो हमारी हर दिवाली जगमगा रही है। आप सबकी दृढ़ता, आपका साहस और आपका बलिदान ही हमारे राष्ट्र की असली ताकत है।”

उन्होंने कहा कि जब पूरा देश दीपावली के पर्व पर घरों को सजाता है, तब ये सैनिक समुद्र की लहरों के बीच या बर्फीली सीमाओं पर खड़े होकर इस त्योहार की सच्ची भावना को जीवंत करते हैं।


INS विक्रांत: भारत की नौसैनिक शक्ति का प्रतीक

INS विक्रांत को पिछले वर्ष भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। 45,000 टन वजनी यह विशाल विमानवाहक पोत पूरी तरह भारत में निर्मित है — जो देश की रक्षा उत्पादन क्षमता में ऐतिहासिक छलांग को दर्शाता है। यह न केवल भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि यह बताता है कि भारत अब समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक अपनी सुरक्षा को आत्मनिर्भर बना चुका है।


“वीरों के संग दिवाली” — एक नई परंपरा का प्रतीक

INS विक्रांत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह दिवाली केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक संदेश थी —
कि जब देश के सैनिक सीमाओं और समुद्रों पर डटे हैं, तो उनके साथ दीप जलाना, गीत गाना और उनके परिश्रम को सलाम करना हर भारतीय का कर्तव्य है।

यह दिवाली याद दिलाती है कि भारत की असली रोशनी न तो पटाखों से आती है, न ही सजावट से — बल्कि उन वीरों से जो देश की रक्षा के लिए हमेशा जागते रहते हैं।

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