
देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक भूमि धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला से लाखों रुपये की ठगी की गई। महिला की शिकायत पर पुलिस ने दो सगे भाइयों समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला लच्छीवाला फ्लाईओवर के पास स्थित प्लॉट बिक्री से जुड़ा है, जहां कथित तौर पर एक ही जमीन का हिस्सा दो बार बेचा गया।
क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता सुमन देवी, जो पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर की रहने वाली हैं, ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2020 में मौजा मिस्सरवाला कला, हरिद्वार रोड (लच्छीवाला फ्लाईओवर के पास) स्थित 163 गज का प्लॉट खरीदा था।यह प्लॉट उन्होंने रोहित दत्ता और वैभव दत्ता नामक दो भाइयों से ₹13 लाख 81 हजार रुपये में खरीदा था।
प्लॉट की खरीद के समय सभी आवश्यक दस्तावेज और भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई थी, जिसके बाद महिला ने इसे अपना वैध संपत्ति मान लिया था।
लेकिन, कुछ समय बाद जब सुमन देवी ने अपने प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू करने की योजना बनाई, तब उन्हें बड़ा झटका लगा। मौके पर पहुंचने पर उन्हें पता चला कि जिस रास्ते (लगभग 20 फुट चौड़ा) से उनके प्लॉट तक पहुंचा जाता है, वह हिस्सा उसी विक्रेताओं — रोहित और वैभव — ने अपने चाचा के साथ मिलकर किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया है।
महिला ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप
सुमन देवी का आरोप है कि यह पूरी तरह से साजिश के तहत किया गया धोखा है। उन्होंने कहा कि रास्ता बेचने की जानकारी मिलने के बाद जब उन्होंने आरोपियों से संपर्क किया और धनराशि वापस मांगनी चाही, तो उन्होंने रुपये लौटाने से इनकार कर दिया।
महिला ने इसे गंभीर आर्थिक और कानूनी धोखाधड़ी करार देते हुए देहरादून कोतवाली में तहरीर दी।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार ने बताया कि सुमन देवी की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए रोहित दत्ता, उसके भाई वैभव दत्ता, उनके चाचा (निवासी सरगौदा, अपार्टमेंट प्लॉट नंबर-13, सेक्टर 7, द्वारका साउथ वेस्ट दिल्ली) और एक गवाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले की जांच शुरू कर दी गई है, और पुलिस ने सभी संबंधित दस्तावेजों को कब्जे में लेकर जमीन की रजिस्ट्री, नक्शा और बिक्री अनुबंध की जांच शुरू कर दी है।
धोखाधड़ी की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि जिस प्लॉट का सौदा महिला से किया गया था, उसी भूमि के एक हिस्से को दोबारा किसी अन्य व्यक्ति को बेचा गया।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह मामला गिरोह बनाकर की जा रही संपत्ति ठगी का हिस्सा तो नहीं है।
प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार ने बताया कि—
“शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। यदि जमीन से संबंधित दस्तावेजों में हेराफेरी या जालसाजी पाई जाती है, तो आरोपियों के खिलाफ सख्त धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।”
बढ़ते भू-माफिया मामलों पर चिंता
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे इलाकों में भूमि विवाद और फर्जी प्लॉट बिक्री के मामले हाल के वर्षों में तेजी से बढ़े हैं।अक्सर देखा गया है कि बिना वैध रास्ते या अवैध कब्जे वाली जमीनें भोले-भाले खरीदारों को बेच दी जाती हैं। कई बार एक ही जमीन को एक से अधिक लोगों को बेचा जाता है और जब खरीदार को वास्तविक स्थिति का पता चलता है, तब तक विक्रेता फरार हो जाते हैं।
पुलिस विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में खरीदारों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संपत्ति की खरीद से पहले भूमि के स्वामित्व और नक्शे की कानूनी पुष्टि (Verification) जरूर कर लेनी चाहिए।
जमीन खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
भूमि विशेषज्ञों के अनुसार, संपत्ति खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी बेहद जरूरी हैं:
- रजिस्ट्रेशन और खसरा नंबर की जांच करें।
- जमीन का नक्शा और रास्ते का कानूनी स्वामित्व सत्यापित करें।
- भूमि पर कोई मुकदमा या गिरवी तो नहीं है, इसकी जानकारी लें।
- प्लॉट बेचने वाले व्यक्ति की पहचान और अधिकार प्रमाणित करें।
- किसी भी निजी सौदे से पहले स्थानीय तहसील या रजिस्ट्री कार्यालय से दस्तावेजों की पुष्टि करें।
देहरादून का यह मामला एक बार फिर यह याद दिलाता है कि रियल एस्टेट में जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में खरीदारों को सजग रहना और कानूनी सत्यापन कराना बेहद जरूरी है।
वहीं, पुलिस प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सुमन देवी के साथ हुई इस ठगी में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।