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‘दुनिया के नक्शे से पाकिस्तान का नामो-निशान मिट जाएगा’ – आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी की कड़ी चेतावनी

राजस्थान के अनूपगढ़ में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा – इस बार भारतीय सेना कोई संयम नहीं बरतेगी, आतंकवाद पर मिलेगा निर्णायक जवाब

अनूपगढ़ (राजस्थान): भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को लेकर अब तक की सबसे सख्त चेतावनी दी है। शुक्रवार को राजस्थान के अनूपगढ़ स्थित आर्मी पोस्ट पर सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं किया तो उसे दुनिया के नक्शे से मिटा दिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि इस बार भारतीय सेना किसी भी तरह का संयम नहीं दिखाएगी और दुश्मन को उसकी भाषा में करारा जवाब दिया जाएगा।


“संयम नहीं, निर्णायक कार्रवाई”: जनरल द्विवेदी

आर्मी चीफ ने अपने संबोधन में कहा –

“इस बार हम कोई संयम नहीं बरतने वाले हैं। इस बार हम ऐसा करेंगे कि पाकिस्तान का भूगोल तक बदल सकता है। अगर पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में बने रहना चाहता है तो उसे आतंकवाद को पालना-पोसना बंद करना होगा।”

उन्होंने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है और आतंकवादियों को पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


ऑपरेशन सिंदूर से लेकर सिंदूर 2.0 तक

भारत ने मई 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई थी। ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान अधिकृत इलाकों में मौजूद आतंकवादी संगठनों के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया था। यह पहली बार था जब भारत ने इतनी गहरी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया।

10 मई को पाकिस्तान ने संघर्षविराम की अपील की थी, जिसके बाद भारत ने अपनी कार्रवाई रोकी। लेकिन भारत ने यह भी साफ कर दिया था कि ऑपरेशन में किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया। केवल आतंकवादी अड्डों को ही खत्म किया गया और इसके ठोस सबूत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पेश किए गए।

अब जनरल द्विवेदी के बयान ने संकेत दिया है कि “ऑपरेशन सिंदूर 2.0” किसी भी वक्त शुरू हो सकता है।


आतंकवाद पर पाकिस्तान की नीति और भारत की सख्ती

पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का केंद्र माना जाता रहा है। भारत ने कई बार सबूतों के साथ दुनिया को बताया है कि पाकिस्तान की जमीन पर बैठे आतंकी संगठन भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं और उन्हें वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद मिलती है।

पुलवामा हमला (2019), उरी हमला (2016), पठानकोट हमला (2016) जैसे कई बड़े आतंकी हमलों के तार पाकिस्तान से ही जुड़े पाए गए थे। हर बार पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा, लेकिन उसने आतंकियों को संरक्षण देना बंद नहीं किया।

अब भारतीय सेना का रुख बेहद सख्त है। सूत्रों का कहना है कि सरकार और सेना इस बार किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं हैं।


सैनिकों का मनोबल बढ़ाया, तैयार रहने के निर्देश

अनूपगढ़ में सैनिकों को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना को किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा। उन्होंने सैनिकों से कहा –

“अगर भगवान की इच्छा होगी तो जल्द ही आपको अवसर मिलेगा।”

इस संदेश को सेना प्रमुख के बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।


अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य

भारत की हालिया कार्रवाइयों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नजर रखी जा रही है। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत के आतंकवाद-विरोधी कदमों का समर्थन किया है। वहीं, चीन और तुर्की जैसे कुछ देशों ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान दिए हैं।

जनरल द्विवेदी का बयान इस लिहाज से भी अहम है कि इससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और दबाव बढ़ेगा।


भारत की नीति – नागरिक नहीं, केवल आतंकियों पर वार

भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि उसकी कार्रवाई केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों के खिलाफ होती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारतीय सेना ने किसी नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया। यही वजह है कि भारत की रणनीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिला।

जनरल द्विवेदी ने भी दोहराया कि भारतीय सेना आतंकियों पर निर्णायक वार करेगी, लेकिन आम नागरिकों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।


भविष्य की रणनीति – अब और इंतजार नहीं

जनरल द्विवेदी का बयान इस ओर इशारा करता है कि भारत अब “प्रोएक्टिव स्ट्राइक” की नीति अपना सकता है। यानी आतंकवादियों की साजिश का इंतजार करने के बजाय उन्हें उनकी जमीन पर जाकर खत्म करना।

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान पर और भी कड़ा सैन्य दबाव डाला जा सकता है। इससे सीमा पर तनाव बढ़ेगा, लेकिन भारत का मकसद है कि आतंकवाद की जड़ ही काट दी जाए।

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