
देहरादून, 1 अक्टूबर 2025। उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और लोक परंपराओं को संरक्षित करने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी की एल्बम “मानसखंड” का विधिवत विमोचन किया। इस अवसर पर गीतकार हेमंत बिष्ट, संगीतकार संजय कुमोला सहित एल्बम की पूरी टीम मौजूद रही।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कलाकारों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “मानसखंड” केवल एक संगीत एल्बम नहीं, बल्कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है।
लोकगीतों का महत्व: सभ्यता की आत्मा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लोकगीत और लोककला हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा हैं।
उन्होंने कहा – “मानसखंड जैसी कृतियाँ न केवल हमारी परंपरा को जीवित रखती हैं बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का संचार भी करती हैं। यह प्रयास हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मार्गदर्शक सिद्ध होगा।”
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह एल्बम न केवल उत्तराखंड में बल्कि देशभर और प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच भी लोकप्रिय होगी।
सरकार का सांस्कृतिक संरक्षण पर फोकस
कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोककला को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि –
- लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए राज्य सरकार विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
- सरकार का प्रयास है कि स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया जाए।
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक धरोहर को पर्यटन पैकेज का हिस्सा बनाया जा रहा है, ताकि आने वाले पर्यटक केवल प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं, बल्कि यहाँ की लोक संस्कृति का भी अनुभव कर सकें।
“मानसखंड” की खासियत
लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी ने बताया कि मानसखंड एल्बम में उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति, देवी-देवताओं की लोककथाएँ और पारंपरिक धुनों को आधुनिक संगीत के साथ जोड़ा गया है।
गीतकार हेमंत बिष्ट ने इसे उत्तराखंड की आत्मा का संगीतात्मक रूप बताया, जबकि संगीतकार संजय कुमोला ने कहा कि इस एल्बम में पारंपरिक वाद्य यंत्रों और आधुनिक वाद्य संगीत का सुंदर संगम है।
कलाकारों की भावनाएँ
विमोचन कार्यक्रम के दौरान भावुक होते हुए लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी ने कहा –
“यह मेरे लिए गर्व का क्षण है कि मुख्यमंत्री ने हमारे प्रयास को मान्यता दी। मेरा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है कि उत्तराखंड की लोकधुनें और परंपराएँ केवल गांव-गांव तक ही सीमित न रहें, बल्कि देश-दुनिया में गूंजें।”
उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे उनका उत्साह और बढ़ा है।
सांस्कृतिक चेतना और युवा पीढ़ी
मुख्यमंत्री धामी ने विशेष रूप से युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आधुनिक युग में जब पॉप और वेस्टर्न म्यूजिक का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे समय में युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा –
“प्रदेश के युवाओं को लोक संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के लिए ‘मानसखंड’ जैसी पहलें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। हमारी कोशिश है कि नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को न सिर्फ जाने, बल्कि गर्व से आगे बढ़ाए।”
सांस्कृतिक नीति और भविष्य की योजनाएँ
राज्य सरकार की योजनाओं में –
- लोक कलाकारों को आर्थिक सहयोग
- ग्रामीण क्षेत्रों में सांस्कृतिक महोत्सवों का आयोजन
- पारंपरिक नृत्य और संगीत की कार्यशालाएँ
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंडी संस्कृति का प्रचार
जैसे कदम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति न केवल कलाकारों को मंच प्रदान करेगी, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
सांस्कृतिक जगत से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि मानसखंड केवल एक एल्बम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है।
यह पहल युवाओं को यह संदेश देती है कि लोककला केवल अतीत की विरासत नहीं, बल्कि भविष्य का मार्गदर्शन भी है।
कार्यक्रम में उपस्थिति
इस अवसर पर कला और संस्कृति से जुड़े अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने मानसखंड की सराहना की और आशा व्यक्त की कि यह एल्बम उत्तराखंड की संस्कृति को एक नई पहचान देगा।
“मानसखंड” एल्बम का विमोचन उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और परंपराओं को नई ऊर्जा देने वाला कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति और समर्थन से यह संदेश भी गया है कि राज्य सरकार संस्कृति और परंपरा को सिर्फ अतीत की धरोहर नहीं मानती, बल्कि भविष्य की शक्ति भी समझती है।
यह एल्बम न केवल संगीत प्रेमियों को रिझाएगा बल्कि उत्तराखंड की लोककला को नई पीढ़ी से जोड़कर राज्य को सांस्कृतिक दृष्टि से और भी समृद्ध बनाएगा।