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सेक्स टॉय का शौकीन था चैतन्यानंद बाबा, दिल्ली पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे

कमरे से सेक्स टॉय, पॉर्न सीडी और फर्जी तस्वीरें बरामद

नई दिल्ली। लड़कियों के यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किए गए स्वयंभू धर्मगुरु बाबा चैतन्यानंद से दिल्ली पुलिस की पूछताछ में लगातार चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पुलिस ने आरोपी बाबा को बुधवार को उसके आश्रम ले जाकर तलाशी ली, जहाँ से कई आपत्तिजनक वस्तुएँ बरामद हुईं। इनमें एक सेक्स टॉय, पॉर्नोग्राफिक सामग्री वाली 5 सीडी और कई फर्जी तस्वीरें शामिल हैं। इन तस्वीरों में चैतन्यानंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के एक अन्य नेता के साथ दिखाई दे रहा है। जांच में स्पष्ट हुआ है कि ये तस्वीरें फर्जी हैं और बाबा इन्हें अपने प्रभावशाली संबंध साबित करने के लिए इस्तेमाल करता था।

पुलिस को मिला संदिग्ध यौन व्यवहार का सबूत

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि आरोपी बाबा Compulsive Sexual Behavior का शिकार हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उसकी चैट और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों से संकेत मिलते हैं कि वह महिलाओं से लगातार अश्लील बातें करता था और उन्हें रिझाने की कोशिश करता था। जांच टीम के अनुसार, गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले की चैट में बाबा को महिलाओं से गले लगाने और चूमने वाले इमोजी भेजते, अश्लील बातें करते और यहां तक कि ऑनलाइन भुगतान करते हुए देखा गया है।

फरारी के दौरान बागेश्वर और अल्मोड़ा में छुपा था बाबा

पुलिस की टीमें इस मामले की तह तक जाने के लिए उत्तराखंड के बागेश्वर, अल्मोड़ा और अन्य स्थानों पर पहुँचीं, जहाँ चैतन्यानंद फरारी के दौरान रुका था। इन दौरों का उद्देश्य उन स्थानों और परिस्थितियों का मिलान करना था, जहाँ आरोपी ने पनाह ली और संभावित रूप से अपने सहयोगियों से मिला।

संस्थान से जुड़े अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध

इस मामले में सिर्फ बाबा ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े संस्थान की तीन महिला अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस के अनुसार, ये तीनों महिलाएँ – जिनमें से एक संस्थान की डीन और दो वार्डन हैं – छात्राओं पर दबाव डालती थीं। आरोप है कि उन्होंने छात्राओं को धमकाया और बाबा के भेजे गए अश्लील संदेशों को डिलीट करने के लिए मजबूर किया

महिलाओं को पद और उपहारों का लालच

जांच अधिकारियों ने बताया कि बाबा अक्सर महिलाओं को अपने जाल में फँसाने के लिए उन्हें एयरहोस्टेस या संस्थान में अच्छे पद दिलाने का लालच देता था। वह महंगे गहने और उपहार भी देता और अपने आलीशान दफ़्तर में महिलाओं से मुलाकात करता, जो किसी लक्ज़री होटल जैसा सजा हुआ था।
एक अधिकारी ने कहा, “चैतन्यानंद महिलाओं से योग करते हुए तस्वीरें और वीडियो साझा करने को कहता था। उसके लिए यह पूरा तंत्र शिकार बनाने का तरीका था।”

प्रभावशाली हस्तियों के नाम का दुरुपयोग

पुलिस जांच में सामने आया है कि चैतन्यानंद खुद को बचाने के लिए बार-बार प्रभावशाली हस्तियों के नाम लेता था। उसने भारत के प्रधान न्यायाधीश और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से कथित संबंधों का दावा किया। कई मौकों पर उसने पुलिस को यह कहकर डराने की कोशिश की कि उसके “ऊँचे स्तर” पर रिश्ते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, यह सब उसके झूठे नेटवर्क का हिस्सा था, ताकि वह अपने ऊपर कार्रवाई से बच सके और महिलाओं पर दबदबा बना सके।

पूछताछ में टालमटोल और झूठ

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चैतन्यानंद अब तक जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह बार-बार गोलमोल जवाब देता है और जब उससे सबूतों का सामना कराया जाता है तो या तो चुप रहता है या गुमराह करने की कोशिश करता है।
एक अधिकारी ने कहा, “उसके चेहरे पर पछतावे का कोई भाव नहीं है। सबूत दिखाए जाने पर भी वह अनिच्छा से और टालमटोल वाले जवाब देता है। कई बार तो सीधे झूठ बोलता है।”

केस की गंभीरता और सामाजिक चिंता

चैतन्यानंद का मामला सिर्फ एक आपराधिक प्रकरण नहीं बल्कि समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय भी है। वह खुद को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक बताकर युवतियों और महिलाओं के संपर्क में आता था। इस विश्वास का उसने गलत फायदा उठाया और उसे एक शोषण के तंत्र में बदल दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तेज़ी से काम कर रही है। डिजिटल सबूतों, चैट रिकॉर्ड, सीडी और गवाहों के बयान इस पूरे कांड की तह तक पहुँचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।

आगे की कार्रवाई

जांच अधिकारी इस समय बरामद सीडी और अन्य डिजिटल सामग्री का फोरेंसिक परीक्षण करा रहे हैं। साथ ही बाबा के सहयोगियों, संस्थान के अधिकारियों और उसके संपर्कों की भी गहन जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी और आरोपी को कड़ी सज़ा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत न्यायालय के समक्ष रखे जा सकेंगे।

बाबा चैतन्यानंद का मामला धार्मिक आस्था के नाम पर चल रहे शोषण और पाखंड की एक और भयावह कहानी है। फर्जी संपर्कों, महंगे दफ्तरों और उपहारों के जाल में उसने महिलाओं को फँसाने की कोशिश की, लेकिन आखिरकार कानून के शिकंजे में आ गया। अब सवाल यह है कि पुलिस और न्याय व्यवस्था कितनी तेज़ी से इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर पीड़िताओं को न्याय दिलाती है।

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