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Uttarakhand: उत्तराखंड चैप्टर 2025 में  मुख्यमंत्री धामी बोले – “युवाओं के लिए सिर झुका भी सकता हूं, सिर कटा भी सकता हूं”

देहरादून। राजधानी देहरादून के फेयरफिल्ड बाय मेरियट मालसी में मंगलवार को आयोजित “टाइम्स ऑफ़ इंडिया कॉन्क्लेव – उत्तराखंड चैप्टर 2025” में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की विकास यात्रा, चुनौतियों और उपलब्धियों पर विस्तार से अपने विचार रखे। कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा समेत मीडिया और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने बीते दशक में नया आत्मविश्वास और शक्ति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि “2014 से पहले देश में घोटालों और कुशासन की चर्चा होती थी, लेकिन आज भारत वैश्विक मंच पर सशक्त राष्ट्र के रूप में उभर चुका है। यह परिवर्तन ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ की नीति का परिणाम है।”


युवाओं पर धामी का जोर

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है। इसी का परिणाम है कि चार सालों में 25 हज़ार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है और 100 से अधिक नकल माफिया जेल की सलाखों के पीछे भेजे गए हैं।

धामी ने हाल ही में भर्ती परीक्षा प्रकरण पर उठे विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग युवाओं को गुमराह कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैंने खुद युवाओं से जाकर मुलाकात की और सीबीआई जांच की अनुशंसा का आश्वासन दिया। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि युवाओं के हितों की रक्षा के लिए मैं सिर झुका भी सकता हूं और सिर कटा भी सकता हूं।


चारधाम और शीतकालीन यात्रा

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष आपदाओं के बावजूद अब तक 42 लाख श्रद्धालु सकुशल चारधाम यात्रा पूरी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च में उत्तराखंड के हर्षिल और मुखबा का दौरा कर देशवासियों से शीतकाल में भी पहाड़ों की यात्रा करने का आह्वान किया था। सरकार अब उत्तराखंड को एडवेंचर टूरिज़्म हब बनाने के लिए ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, माउंटेन बाइकिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने पर काम कर रही है।


निवेश और औद्योगिक विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए थे। उन्होंने कहा कि सिर्फ डेढ़ साल में ही 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं, जो उत्तराखंड की निवेश क्षमता और नीति की सफलता को दर्शाती हैं।

इसके साथ ही उन्होंने एक जनपद, दो उत्पाद और हाउस ऑफ हिमालयाज जैसी योजनाओं का उल्लेख किया, जो स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को बाजार दिलाने में अहम साबित हो रही हैं।


सांस्कृतिक संरक्षण और कानून व्यवस्था

धामी ने कहा कि सरकार राज्य की संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने लैंड जिहाद पर सख्त कार्रवाई करते हुए 9 हज़ार एकड़ भूमि मुक्त कराई है। साथ ही 250 अवैध मदरसों को सील और 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को हटाया गया है।

उन्होंने कहा कि जुलाई 2026 से वे सभी मदरसे बंद हो जाएंगे जो सरकारी सिलेबस लागू नहीं करेंगे। साथ ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर “एक राष्ट्र, एक कानून” की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है।


धार्मिक व पर्यटन आयोजन

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वर्ष 2026 में होने वाली नंदा देवी राजजात यात्रा और 2027 में हरिद्वार कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अब केवल धार्मिक पर्यटन ही नहीं, बल्कि वेलनेस टूरिज्म, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन और वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी तेजी से उभर रहा है।


स्वदेशी का आह्वान

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “स्वदेशी अपनाओ, देश को मजबूत बनाओ” के मंत्र को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमारे देश में पेन की निब से लेकर अंतरिक्ष यान तक सब कुछ बनाने की क्षमता है। हमें संकल्पित होकर हर खरीदारी से पहले यह देखना चाहिए कि वह वस्तु स्वदेशी है या विदेशी। यदि हम स्वदेशी को प्राथमिकता देंगे तो यह हमारे किसानों, कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त बनाएगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूत करेगा।”

टाइम्स ऑफ़ इंडिया कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भाषण न सिर्फ उपलब्धियों की झलक दिखाता है, बल्कि आने वाले वर्षों की दिशा भी तय करता है। युवाओं की सुरक्षा, पर्यटन का विस्तार, निवेश का बढ़ावा और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार की प्राथमिकताएं साफ झलकती हैं। धामी ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि उत्तराखंड विकास और आत्मनिर्भरता की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

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