
हरिद्वार, 27 सितम्बर 2025। हरिद्वार का हरकी पैड़ी बाजार शनिवार को कुछ अलग ही रंग में नजर आया। अवसर था जीएसटी बचत उत्सव का, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद शिरकत की और व्यापारियों के साथ मिलकर जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत किया। बाजार क्षेत्र में “घटी जीएसटी मिला उपहार– धन्यवाद मोदी सरकार” जैसे बैनरों ने माहौल को उत्साहपूर्ण बना दिया। व्यापारी और ग्राहक दोनों ही इस पहल को ऐतिहासिक मान रहे हैं।
मुख्यमंत्री बोले– हर वर्ग को मिलेगा फायदा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में लगातार आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं। जीएसटी दरों में कटौती भी उसी कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आम जनता को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
धामी ने कहा, “सरकार का लक्ष्य है कि विकास और आर्थिक सुधारों का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। जीएसटी दरों में यह कमी निश्चित रूप से कारोबार और अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी।”
व्यापारियों ने जताया आभार
हरकी पैड़ी बाजार के व्यापारियों ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। जगह-जगह बैनर, पोस्टर और फूलों से सजावट कर व्यापारी संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के प्रति आभार जताया।
व्यापारियों का कहना था कि अब उन्हें ग्राहकों को बेहतर दरों पर सामान उपलब्ध कराने का अवसर मिलेगा। व्यापारी संघ के एक पदाधिकारी ने कहा, “जीएसटी में राहत से व्यापार आसान होगा। पहले कई वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगने से ग्राहक परेशान रहते थे। अब राहत मिलने से कारोबार में भी सुगमता आएगी।”
ग्राहकों के लिए राहत
ग्राहकों के लिए भी यह निर्णय सुखद साबित हुआ है। स्थानीय खरीदारों का कहना था कि जब बाजार में कीमतें घटेंगी तो उनकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। हरकी पैड़ी पर खरीदारी करने आई एक महिला ने कहा, “पहले कई चीजें महंगी मिलती थीं, लेकिन अब उम्मीद है कि रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी।”
मुख्यमंत्री ने खुद लगाए स्टिकर
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बाजार के अलग-अलग प्रतिष्ठानों का दौरा किया। उन्होंने स्वयं दुकानों पर जन-जागरूकता से जुड़े स्टिकर चस्पा किए और व्यापारियों से ग्राहकों तक जीएसटी कटौती का पूरा लाभ पहुंचाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने फूल भेंट कर व्यापारियों से कहा कि वे इस पहल को जन-जागरूकता अभियान के रूप में आगे बढ़ाएं।
स्वदेशी अपनाने का आह्वान
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय और स्वदेशी सामानों के इस्तेमाल से न केवल प्रदेश और देश की आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
उन्होंने कहा, “स्वदेशी अपनाने से हमारी निर्भरता आयात पर घटेगी। स्थानीय कारीगरों और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।”
राजनीतिक महत्व भी बड़ा
जीएसटी में कटौती को जहां व्यापारिक वर्ग स्वागतयोग्य मान रहा है, वहीं राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इसे अहम माना जा रहा है। अगले वर्ष कई राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में करदाताओं व व्यापारियों को राहत देना सरकार की बड़ी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लेकर “गुड गवर्नेंस” का उदाहरण पेश कर रही हैं।
जीएसटी सुधारों का असर
विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी दरों में कटौती से खुदरा बाजार में मांग बढ़ेगी और इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। छोटे व्यापारियों को बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में राहत मिलेगी और ग्राहक भी अधिक खरीदारी करने के लिए प्रेरित होंगे। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे टैक्स कम्प्लायंस और राजस्व संग्रह में भी सुधार होगा क्योंकि कम दरों पर लोग टैक्स देने से नहीं कतराएंगे।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और अफसरों की मौजूदगी
इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, प्रदीप बत्ता, मेयर किरण जैसल, दर्जा राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, भाजपा नेता सुनील सैनी, शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, सीडीओ आकांक्षा कोंडे, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, संजय गुप्ता, लव शर्मा, आशु चौधरी, अनुज सिंह और वाशु पाराशर समेत बड़ी संख्या में व्यापारी, स्थानीय लोग और भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हरकी पैड़ी बाजार में आयोजित जीएसटी बचत उत्सव ने साफ कर दिया है कि करों में कमी का सीधा असर जनता और व्यापार दोनों पर पड़ता है। व्यापारी जहां राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं ग्राहक भी उत्साहित हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर न केवल जीएसटी सुधारों की सराहना की बल्कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी जनता से योगदान करने का आह्वान किया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अर्थव्यवस्था के लिए “विन-विन” साबित होगा और इसके दूरगामी राजनीतिक व आर्थिक नतीजे देखने को मिलेंगे।