
देहरादून, 27 सितम्बर 2025। जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त जनशिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतें सीधे जनता की व्यथा और उम्मीद का प्रतीक हैं, इसलिए उनका गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध समाधान अनिवार्य है।
“सीएम हेल्पलाइन मायने मेरी हेल्पलाइन” – डीएम
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा, “सीएम हेल्पलाइन मायने मेरी, हम सब अफसरों और विभागों की हेल्पलाइन है। कोई व्यथित, व्याकुल और परेशान जनमन ही हेल्पलाइन का रूख करता है। ऐसे में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील रहना होगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि लंबित शिकायतों का निस्तारण अधिकतम दो दिन के भीतर करें, अन्यथा संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
विभागवार शिकायतों की समीक्षा, डीएम की नाराज़गी
बैठक में डीएम ने प्रत्येक विभाग की लंबित और टाइम बार्ड शिकायतों की समीक्षा की। कई विभागों में शिकायतें लंबित पाए जाने पर उन्होंने नाराज़गी जताई और दो दिन की सख्त समयसीमा तय की।
डीएम ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि फीडबैक कॉल्स की रिपोर्ट देखें और सुनिश्चित करें कि निस्तारण केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि शिकायतकर्ता को वास्तविक संतुष्टि मिले।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
डीएम बंसल ने कहा कि जनसुनवाई प्रणाली राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसका मकसद पारदर्शी व जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन से जनता को “गुड गवर्नेंस” का संदेश जाता है, इसलिए संबंधित अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते।
विभागवार लंबित शिकायतों का आंकड़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएम हेल्पलाइन पर सबसे अधिक लंबित शिकायतें पुलिस विभाग (368) की हैं। इसके बाद नगर निगम (358), यूपीसीएल (361 + 242), जल संस्थान (276 + 203), लोक निर्माण विभाग (252 + 272), एमडीडीए (177), पेयजल निगम (88), राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (50), यूटीयू (35), यूयूएसडीए (29), सिंचाई विभाग (29), नगर पालिका (20), जिला पंचायत (18), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (15), प्राथमिक शिक्षा (14), भूलेख (13) और वन विभाग (12) की शिकायतें लंबित पाई गईं।
स्थायी समाधान पर बल
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि जिन शिकायतों का बार-बार दोहराव हो रहा है, उन्हें लेकर स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाएं। उन्होंने जोर दिया कि विभाग केवल औपचारिकता पूरी न करें, बल्कि ठोस कार्रवाई कर जनता को वास्तविक राहत दें।
नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश
बैठक में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के.के. मिश्रा को नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह विभागवार प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
बैठक में मौजूद अधिकारी
समीक्षा बैठक में उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।