
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल करते हुए बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड की बैठक में दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान और कल्याण से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दिव्यांगजनों को चल रही सभी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ सुगमता और पारदर्शिता के साथ मिलना चाहिए।
स्वास्थ्य शिविर होंगे पूरे प्रदेश में आयोजित
बैठक में मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि प्रदेशभर में समय-समय पर विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाए। इन शिविरों में दिव्यांगजन न केवल उपचार और चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकें, बल्कि उन्हें मौके पर ही प्रमाण-पत्र, कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएं।
धामी ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए स्वास्थ्य और पुनर्वास सुविधाएं उनकी बुनियादी जरूरत हैं और सरकार का दायित्व है कि इन्हें समय पर और सरल प्रक्रिया में उपलब्ध कराया जाए।
पेंशन योजनाओं में शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने सचिव समाज कल्याण को निर्देशित किया कि सभी पात्र दिव्यांगजन दिव्यांग पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आएं और उन्हें योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति किसी भी कारण से वंचित न रहे।
आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए पूरी तरह
बैठक में धामी ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार शासकीय सेवाओं में भर्ती और नियुक्तियों के दौरान दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण के प्रावधानों को पूरी तरह लागू करेगी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर इन प्रावधानों की अनदेखी न हो।
मानवीय सरोकार से जुड़ी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिव्यांगजनों की समस्याएं किसी भी सरकार के लिए सिर्फ प्रशासनिक मुद्दा नहीं हैं, बल्कि यह मानवीय सरोकार से जुड़ी जिम्मेदारी भी हैं। इसलिए राज्य सरकार निरंतर इस दिशा में गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि सभी विभाग दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर नियमित अनुश्रवण करें और उनके हितों से जुड़े कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
विधायक और बोर्ड सदस्यों ने दिए सुझाव
बैठक में उपस्थित विधायक भरत चौधरी और सविता कपूर सहित बोर्ड के अन्य सदस्यों ने दिव्यांगजनों की समस्याओं के समाधान और योजनाओं की कार्यकुशलता बढ़ाने को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने सभी सुझावों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और शीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
समाज का अभिन्न अंग हैं दिव्यांगजन
धामी ने कहा,
“दिव्यांगजन समाज का अभिन्न अंग हैं और उन्हें सक्षम बनाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। हमारा उद्देश्य है कि वे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़े और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।”
बैठक में रहे ये अधिकारी और सदस्य उपस्थित
इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी, रंजीत सिन्हा, चन्द्रेश कुमार, वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, निदेशक समाज कल्याण प्रकाश चन्द्र समेत राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्य मौजूद रहे।
दिव्यांग सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम
धामी सरकार का यह कदम न केवल दिव्यांगजनों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में है, बल्कि यह एक मानवीय दृष्टिकोण का भी प्रतीक है। स्वास्थ्य शिविरों से लेकर पेंशन और रोजगार आरक्षण तक, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में बराबरी के साथ आगे बढ़ें।
बैठक के फैसलों और निर्देशों से साफ है कि आने वाले समय में उत्तराखंड दिव्यांग सशक्तिकरण की दिशा में नए मानक स्थापित करेगा।