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Deharadun: ‘स्वदेशी अपनाओ!’ अभियान और जीएसटी नई दरों पर सीएम धामी का कुँआवाला बाजार में जनसंपर्क

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून के कुँआवाला बाजार में आयोजित जन जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम “स्वदेशी अपनाओ” अभियान और हाल ही में लागू की गई जीएसटी की नई दरों के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री ने बाजार में दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों से सीधा संवाद किया तथा उन्हें स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और नई कर प्रणाली के लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता पर जोर

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों का अधिकाधिक उपयोग न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों, लघु उद्योगों और युवाओं के लिए रोजगार सृजन का माध्यम भी बनेगा। उन्होंने कहा कि “विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता घटाना आज समय की मांग है। जब हम अपने स्थानीय उत्पाद खरीदते हैं तो इससे गांव-गांव में उत्पादन करने वाले कारीगरों को सीधा लाभ मिलता है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाता है।”

उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएँ। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि छोटे किसान, बुनकर और हस्तशिल्प कारीगर जब अपने उत्पाद बेचते हैं तो उनका जीवनस्तर बेहतर होता है और यही आत्मनिर्भर भारत की असली तस्वीर है।

जीएसटी की नई दरों को लेकर मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में लागू हुई जीएसटी की नई दरों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने व्यापारियों और आम जनता की सुविधा के लिए कर ढांचे में बड़े सुधार किए हैं। अब कर प्रणाली पहले से सरल, पारदर्शी और कम जटिल हो गई है। धामी ने कहा कि “दरें कम करने का उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों को गति देना और उपभोक्ताओं पर बोझ कम करना है। इससे प्रदेश की आर्थिकी में नई ऊर्जा आएगी।”

उन्होंने दुकानदारों को समझाया कि जीएसटी 2.0 के लागू होने से रिटर्न भरने की प्रक्रिया आसान हुई है। व्यापारियों को अब तकनीकी परेशानियों और कई कर स्लैब्स की उलझनों से राहत मिलेगी।

बाजार भ्रमण का माहौल और दुकानदारों की राय

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी खुद दुकानों पर पहुंचे। उन्होंने फल-सब्जी विक्रेताओं से लेकर किराना और कपड़े की दुकानों तक जाकर लोगों की समस्याएँ सुनीं। कई दुकानदारों ने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार से उनकी बिक्री बढ़ेगी और ग्राहक भी स्थानीय वस्तुओं को खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।

कुँआवाला बाजार के व्यापारी महेश गुप्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री खुद आकर हमसे बातचीत कर रहे हैं, यह हमारे लिए सम्मान की बात है। स्वदेशी उत्पादों की बिक्री से छोटे व्यापारियों को निश्चित रूप से फायदा होगा।” वहीं, स्थानीय निवासी सीमा कश्यप ने कहा कि स्वदेशी उत्पाद न केवल सस्ते होते हैं बल्कि टिकाऊ भी होते हैं।

राज्य सरकार की आर्थिक रणनीति से जोड़ते हुए

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड सरकार “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में हस्तशिल्प, हैंडलूम, बांस उत्पाद और ऑर्गेनिक खेती जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं। यदि नागरिक स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे तो इन क्षेत्रों को सीधा प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में उत्तराखंड न केवल पर्यटन बल्कि स्थानीय उद्योगों के क्षेत्र में भी देशभर में अपनी अलग पहचान बनाएगा।

विपक्ष की आलोचना और सरकार की प्रतिक्रिया

हालांकि विपक्षी दल समय-समय पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि केवल प्रचार से स्थिति नहीं बदलती, बल्कि ज़मीनी स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनता की भागीदारी से ही किसी भी अभियान को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “सरकार नीतियाँ बनाती है, लेकिन उनका असर तभी दिखेगा जब जनता सक्रिय रूप से भाग लेगी।”

जनजागरूकता ही सफलता की कुंजी

मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि किसी भी अभियान की सफलता जनजागरूकता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाओ और जीएसटी सुधारों को लेकर लोगों को जितनी अधिक जानकारी होगी, उतनी ही तेज़ी से सकारात्मक परिणाम सामने आएँगे। उन्होंने दुकानदारों से आग्रह किया कि वे ग्राहकों को स्वदेशी उत्पादों के महत्व के बारे में जागरूक करें।

विधायक बृजभूषण गैरोला की उपस्थिति

इस अवसर पर विधायक श्री बृजभूषण गैरोला भी मौजूद रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम जनता को जोड़ने और नीति को ज़मीनी स्तर पर पहुँचाने का एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा जनता से सीधा संवाद करने और उनकी समस्याओं को समझने पर जोर देती रही है।

कुँआवाला बाजार का यह कार्यक्रम सरकार की प्राथमिकताओं का स्पष्ट संकेत है कि वह केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे बाजारों और कस्बों में जाकर सीधे जनता से जुड़ना चाहती है। मुख्यमंत्री धामी का यह बाजार भ्रमण जनता में उत्साह का कारण बना और स्थानीय व्यापारियों को यह संदेश मिला कि स्वदेशी अपनाना केवल नारा नहीं बल्कि भविष्य की दिशा है।

जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद व्यापारी समुदाय को राहत मिलेगी और स्वदेशी अपनाओ अभियान से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी। यदि यह अभियान जनसहभागिता से आगे बढ़ा तो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा।

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