
टिहरी/देहरादून। उत्तराखंड सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और सहायता को लेकर लगातार सक्रिय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी के निर्देश पर टिहरी जनपद के ग्राम फुलैत, छमरोली और चामासरी में प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता वितरित की गई। प्रशासन ने शनिवार को इन गांवों में राहत सामग्री के साथ-साथ नकद सहायता राशि का वितरण किया।
फुलैत में 39 प्रभावितों को ₹5.48 लाख की राहत
ग्राम फुलैत में कुल 39 प्रभावित परिवारों को अलग-अलग मदों में सहायता राशि प्रदान की गई।
- अहेतूक सहायता: 16 प्रभावित परिवारों को ₹80,000
- भवन व गोशाला क्षति: 2 भवन सहित गोशाला के लिए ₹6,000
- पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवन: 3 भवनों के लिए ₹3,60,000
- फसल क्षति: 5 प्रभावित परिवारों को ₹11,000
- फसल क्षति एवं भूमि कटान: 13 प्रभावितों को ₹91,000
इस प्रकार फुलैत में कुल मिलाकर ₹5,48,000 की आर्थिक सहायता वितरित की गई।
छमरोली में 48 परिवारों को ₹6.47 लाख की सहायता
वहीं ग्राम छमरोली में 48 प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई गई।
- अहेतूक सहायता: 10 प्रभावितों को ₹50,000
- आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवन: 15 परिवारों को ₹97,500
- पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवन: 3 परिवारों को ₹3,60,000
- फसल एवं भूमि कटान: 20 परिवारों को ₹1,40,000
इन मदों के तहत छमरोली गांव के प्रभावितों को कुल ₹6,47,500 की राहत राशि दी गई।
चामासरी गांव के 14 परिवारों को भी मिली मदद
प्रशासन ने केवल फुलैत और छमरोली ही नहीं बल्कि समीपवर्ती ग्राम चामासरी के प्रभावित परिवारों को भी मदद दी। यहां 14 प्रभावितों को ₹70,000 की अहेतूक सहायता प्रदान की गई।
सर्वे कार्य अंतिम चरण में
डीएम कार्यालय की ओर से बताया गया कि फुलैत और छमरोली गांव का विस्तृत सर्वे कार्य चल रहा है। प्रभावित परिवारों की वास्तविक स्थिति का आकलन करके उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाई जा रही है। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया कि सर्वे कार्य आज ही पूर्ण कर लिया जाएगा और किसी भी वास्तविक प्रभावित परिवार को मदद से वंचित नहीं छोड़ा जाएगा।
सरकार का फोकस: त्वरित राहत और पारदर्शिता
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा प्रभावितों को समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से सहायता दी जाए। इसी कड़ी में स्थानीय प्रशासन लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि –
“हर एक प्रभावित को राहत मिले, इसके लिए राजस्व टीम और पंचायत प्रतिनिधियों की निगरानी में वितरण किया जा रहा है। किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के लोगों ने राहत मिलने पर प्रशासन और सरकार का आभार जताया। फुलैत के एक प्रभावित परिवार ने कहा कि –
“घर पूरी तरह से टूट चुका था, खेतीबाड़ी भी बर्बाद हो गई। ऐसे समय में मिली यह मदद बड़ी राहत है।”
छमरोली गांव के ग्रामीणों ने भी उम्मीद जताई कि आगे चलकर पुनर्वास कार्य और तेज़ी से होंगे ताकि उनका जीवन फिर सामान्य हो सके।
आपदा प्रबंधन के प्रति गंभीरता
उत्तराखंड सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में आपदा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया है।
- नई आपदा राहत नीति लागू की गई है।
- जिलों में एसडीआरएफ और राजस्व टीमों को चौकन्ना रखा गया है।
- क्षति का आंकलन होते ही प्रभावितों को अग्रिम सहायता दी जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की त्वरित कार्रवाई और सहायता वितरण से ग्रामीण इलाकों में सरकार के प्रति भरोसा मजबूत होता है।
फुलैत, छमरोली और चामासरी में राहत राशि का वितरण यह दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार आपदा पीड़ितों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री से लेकर डीएम तक, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी प्रभावित परिवार को न तो अनदेखा किया जाए और न ही देर से मदद मिले।
इस तरह की पहलें राज्य में आपदा प्रबंधन व्यवस्था की मजबूती और जनता के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण हैं।