
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में मॉनसून अब भी कहर बरपा रहा है। उत्तर भारत खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश से हालात बेहद खराब हैं। वहीं, दिल्ली-एनसीआर भीषण गर्मी और उमस से परेशान है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूर्वोत्तर भारत और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अगले 2-3 दिनों तक भारी बारिश का अनुमान जताया है।
दूसरी ओर, मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि राजस्थान, पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी अगले 48 घंटों में शुरू हो सकती है। लेकिन उत्तराखंड और हिमाचल में स्थिति फिलहाल गंभीर बनी रहेगी।
हिमाचल प्रदेश में तबाही का मंजर
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात भर भारी बारिश हुई। कई जगहों पर भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
- मंडी जिले में भूस्खलन से एक बस स्टैंड जलमग्न हो गया।
- एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत की पुष्टि हुई है।
- शिमला और आसपास के इलाकों में लगातार भूस्खलन की वजह से यातायात ठप है।
- ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि बारिश और पहाड़ी ढलानों से मिट्टी खिसकने का सिलसिला अगले 24 घंटे तक जारी रह सकता है।
उत्तराखंड में भी हालात खराब
उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश ने कहर ढा दिया है। देहरादून और आसपास के इलाकों में 500 से ज्यादा लोग फंस गए जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
- पिछले 48 घंटों में 15 लोगों की मौत हुई है।
- देहरादून में 13, नैनीताल में 1 और उधम सिंह नगर में 1 की जान गई है।
- मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाओं में हुई हैं।
- पहाड़ी नदियाँ उफान पर हैं और कई गाँवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है।
भारतीय मौसम विभाग देहरादून केंद्र के प्रमुख सी.एस. तोमर के मुताबिक, यह स्थिति पश्चिमी शुष्क हवाओं और पूर्वी नम हवाओं के टकराने से बनी है। उन्होंने कहा कि 17 और 18 सितंबर को भी भारी बारिश का अलर्ट जारी है।
हिमाचल में अब तक भारी जानमाल का नुकसान
इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल प्रदेश में:
- 232 लोगों की मौत
- 46 बादल फटने की घटनाएँ
- 97 अचानक बाढ़ की घटनाएँ
- 140 भूस्खलन की घटनाएँ
- कुल नुकसान का अनुमान: 4,504 करोड़ रुपये
राज्य सरकार ने केंद्र से राहत पैकेज की मांग की है और प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।
दिल्ली-एनसीआर में उमस से लोग परेशान
दिल्ली और आसपास के इलाकों में फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है।
- दिन का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया।
- उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है।
- मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 3-4 दिन तक दिल्ली में कोई बड़ी राहत नहीं मिलेगी।
पूर्वोत्तर और महाराष्ट्र में तेज बारिश का अनुमान
IMD ने बताया है कि अगले 48 घंटे में पूर्वोत्तर राज्यों और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 17 सितंबर को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मानसून का पैटर्न पिछले सालों से अलग है।
- पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में लगातार बारिश के पीछे मौसमी हवाओं की असामान्य गतिविधि है।
- मध्य और दक्षिण भारत में देर से सक्रिय हुआ मानसून अब भी बरकरार है।
- उत्तर भारत में मानसून की वापसी की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद पहाड़ी राज्यों में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएँ चिंता का विषय हैं।
देश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय मानसून अलग-अलग रूप दिखा रहा है। जहाँ हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश से तबाही है, वहीं दिल्ली-एनसीआर उमस से जूझ रहा है। पूर्वोत्तर और महाराष्ट्र के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आने वाले दो दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी कि मानसून की विदाई उत्तर भारत को राहत देगी या फिर बारिश का कहर और बढ़ेगा।