
देहरादून, 12 सितंबर 2025 | नेशनल डेस्क केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को सुदृढ़ बनाने के लिए बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की है। राज्य को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) के केंद्रीय अंश के रूप में 455 करोड़ 60 लाख रुपए अग्रिम तौर पर जारी किए गए हैं। यह राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए दी गई है और इसे 15वें वित्त आयोग की संस्तुति के तहत स्वीकृत किया गया है।
इस फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को तेजी से संचालित करने में मदद मिलेगी। खासकर मानसून सीजन और भूकंपीय गतिविधियों की दृष्टि से संवेदनशील राज्य में यह राशि काफी अहम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने SDRF की राशि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहां हर साल बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने और अन्य आपदाओं से राज्य को नुकसान झेलना पड़ता है।
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने हर कठिन समय में उत्तराखंड को सहारा दिया है। SDRF की यह धनराशि राज्य के आपदा प्रबंधन कार्यों को गति देगी और प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने में सहायक होगी। इसके लिए मैं राज्य की ओर से केंद्र सरकार का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
SDRF का उपयोग कहाँ होगा?
जारी की गई राशि का इस्तेमाल राज्य सरकार निम्न क्षेत्रों में कर सकेगी:
- आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य
- भूस्खलन और बाढ़ प्रभावित सड़कों व पुलों की मरम्मत
- आपदा के समय पुनर्वास और राहत शिविरों की व्यवस्था
- आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं और खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना
- आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के लिए आधुनिक उपकरणों की खरीद
विशेषज्ञों का मानना है कि SDRF की यह सहायता उत्तराखंड जैसे आपदा-प्रवण राज्य के लिए समय रहते बड़ा सहारा बनेगी।
क्यों अहम है SDRF?
उत्तराखंड देश का एक ऐसा राज्य है जहां प्राकृतिक आपदाएं बार-बार दस्तक देती हैं। 2013 की केदारनाथ त्रासदी, हाल के वर्षों में जोशीमठ भू-धंसाव, चमोली और पिथौरागढ़ में बादल फटना जैसी घटनाओं ने राज्य की नाजुक स्थिति को उजागर किया है।
SDRF (State Disaster Response Fund) राज्यों को आपदा प्रबंधन के लिए तत्काल वित्तीय सहायता देने का सबसे बड़ा साधन है। इसे केंद्र और राज्य दोनों मिलकर बनाते हैं।
- उत्तराखंड को जारी 455.60 करोड़ रुपए SDRF का केंद्रीय अंश है।
- राज्य सरकार को भी इसमें अपनी ओर से अंशदान करना होता है।
- इस फंड का उपयोग केवल राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता पर भरोसा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता और सहयोग ने उत्तराखंड को हर संकट में मजबूती दी है। चाहे कोविड महामारी हो या जोशीमठ आपदा, केंद्र सरकार ने राज्य की हर जरूरत में तत्काल मदद की।
धामी ने इसे प्रधानमंत्री की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया जिसमें उन्होंने हिमालयी राज्यों के सतत विकास और आपदा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है।
पहले भी मिली है विशेष सहायता
केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में भी उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त अनुदान उपलब्ध कराया था।
- 2023 में जोशीमठ भू-धंसाव के समय विशेष राहत पैकेज दिया गया।
- 2024 में बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए SDRF के अलावा एनडीआरएफ टीमों की तैनाती की गई।
- केंद्र ने राज्य में आपदा प्रबंधन तंत्र के आधुनिकीकरण के लिए भी कई योजनाएं चलाई हैं।
भविष्य की चुनौतियां
विशेषज्ञ मानते हैं कि SDRF जैसी सहायता तो आवश्यक है लेकिन लंबे समय तक आपदाओं से लड़ने के लिए राज्य को मजबूत पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning System), आपदा रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थायी पुनर्वास योजनाओं पर भी काम करना होगा।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार की ओर से जारी 455.60 करोड़ रुपए की SDRF सहायता उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में तत्काल राहत पहुंचाने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद इस बात का प्रतीक है कि उत्तराखंड हर कठिन परिस्थिति में केंद्र का साथ महसूस करता है।
यह राशि राज्य के आपदा प्रभावित इलाकों में लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाने और उनकी पीड़ा कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
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SDRF के तहत केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को दिए 455.60 करोड़ रुपए, CM धामी ने जताया PM मोदी और गृह मंत्री शाह का आभार
आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए राज्य को बड़ी सौगात, मुख्यमंत्री बोले – “हर संकट की घड़ी में उत्तराखंड के साथ खड़े हैं प्रधानमंत्री”
देहरादून, 12 सितंबर 2025 | नेशनल डेस्क
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को सुदृढ़ बनाने के लिए बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की है। राज्य को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) के केंद्रीय अंश के रूप में 455 करोड़ 60 लाख रुपए अग्रिम तौर पर जारी किए गए हैं। यह राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए दी गई है और इसे 15वें वित्त आयोग की संस्तुति के तहत स्वीकृत किया गया है।
इस फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को तेजी से संचालित करने में मदद मिलेगी। खासकर मानसून सीजन और भूकंपीय गतिविधियों की दृष्टि से संवेदनशील राज्य में यह राशि काफी अहम मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने SDRF की राशि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहां हर साल बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने और अन्य आपदाओं से राज्य को नुकसान झेलना पड़ता है।
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने हर कठिन समय में उत्तराखंड को सहारा दिया है। SDRF की यह धनराशि राज्य के आपदा प्रबंधन कार्यों को गति देगी और प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने में सहायक होगी। इसके लिए मैं राज्य की ओर से केंद्र सरकार का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
SDRF का उपयोग कहाँ होगा?
जारी की गई राशि का इस्तेमाल राज्य सरकार निम्न क्षेत्रों में कर सकेगी:
- आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य
- भूस्खलन और बाढ़ प्रभावित सड़कों व पुलों की मरम्मत
- आपदा के समय पुनर्वास और राहत शिविरों की व्यवस्था
- आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं और खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना
- आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के लिए आधुनिक उपकरणों की खरीद
विशेषज्ञों का मानना है कि SDRF की यह सहायता उत्तराखंड जैसे आपदा-प्रवण राज्य के लिए समय रहते बड़ा सहारा बनेगी।
क्यों अहम है SDRF?
उत्तराखंड देश का एक ऐसा राज्य है जहां प्राकृतिक आपदाएं बार-बार दस्तक देती हैं। 2013 की केदारनाथ त्रासदी, हाल के वर्षों में जोशीमठ भू-धंसाव, चमोली और पिथौरागढ़ में बादल फटना जैसी घटनाओं ने राज्य की नाजुक स्थिति को उजागर किया है।
SDRF (State Disaster Response Fund) राज्यों को आपदा प्रबंधन के लिए तत्काल वित्तीय सहायता देने का सबसे बड़ा साधन है। इसे केंद्र और राज्य दोनों मिलकर बनाते हैं।
- उत्तराखंड को जारी 455.60 करोड़ रुपए SDRF का केंद्रीय अंश है।
- राज्य सरकार को भी इसमें अपनी ओर से अंशदान करना होता है।
- इस फंड का उपयोग केवल राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता पर भरोसा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता और सहयोग ने उत्तराखंड को हर संकट में मजबूती दी है। चाहे कोविड महामारी हो या जोशीमठ आपदा, केंद्र सरकार ने राज्य की हर जरूरत में तत्काल मदद की।
धामी ने इसे प्रधानमंत्री की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया जिसमें उन्होंने हिमालयी राज्यों के सतत विकास और आपदा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है।
पहले भी मिली है विशेष सहायता
केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में भी उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त अनुदान उपलब्ध कराया था।
- 2023 में जोशीमठ भू-धंसाव के समय विशेष राहत पैकेज दिया गया।
- 2024 में बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए SDRF के अलावा एनडीआरएफ टीमों की तैनाती की गई।
- केंद्र ने राज्य में आपदा प्रबंधन तंत्र के आधुनिकीकरण के लिए भी कई योजनाएं चलाई हैं।
भविष्य की चुनौतियां
विशेषज्ञ मानते हैं कि SDRF जैसी सहायता तो आवश्यक है लेकिन लंबे समय तक आपदाओं से लड़ने के लिए राज्य को मजबूत पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning System), आपदा रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थायी पुनर्वास योजनाओं पर भी काम करना होगा।
केंद्र सरकार की ओर से जारी 455.60 करोड़ रुपए की SDRF सहायता उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में तत्काल राहत पहुंचाने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद इस बात का प्रतीक है कि उत्तराखंड हर कठिन परिस्थिति में केंद्र का साथ महसूस करता है।
यह राशि राज्य के आपदा प्रभावित इलाकों में लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाने और उनकी पीड़ा कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।