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अल्मोड़ा नगर निगम की कार्यशैली पर फूटा पार्षदों का गुस्सा

समय सीमा बीतने के बाद भी तीनों प्रमुख मांगों पर नहीं हुई कार्रवाई, चेताया- बुधवार से होगा अनशन

अल्मोड़ा: नगर निगम प्रशासन की लापरवाही को लेकर अल्मोड़ा के पार्षदों में गहरा आक्रोश है। रविवार को स्वर्गीय विजय जोशी सभागार में आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों ने निगम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षदों द्वारा दिए गए एक माह के समय के बावजूद निगम ने किसी भी प्रमुख मुद्दे पर कार्यवाही नहीं की।

तीन प्रमुख मांगों पर नहीं हुई कोई प्रगति

बैठक में पार्षदों ने याद दिलाया कि पिछली बोर्ड बैठक में तीन अहम बिंदुओं पर तुरंत कदम उठाने का प्रस्ताव पारित किया गया था—

  1. नगर आयुक्त और लेखा अधिकारी की तत्काल नियुक्ति।
  2. निर्माण कार्यों से संबंधित बजट की स्वीकृति और क्रियान्वयन।
  3. आवारा पशुओं और बंदरों को पकड़ने हेतु बजट का त्वरित आवंटन।

वक्ताओं का कहना था कि समय सीमा समाप्त होने के बाद भी किसी भी मुद्दे पर ठोस कार्रवाई न होना वार्डवासियों की समस्याओं की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों के निर्णयों का अपमान है।

दो दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आंदोलन

पार्षद वैभव पांडे ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम प्रशासन की उदासीनता से पार्षदगणों में गहरा आक्रोश है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि अगले दो दिनों के भीतर तीनों मांगों पर ठोस और लिखित निर्णय नहीं लिया गया, तो बुधवार से क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
पार्षदों ने चेतावनी दी कि आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन को उग्र रूप भी दिया जाएगा और इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी।

बैठक में शामिल पार्षद

बैठक में पार्षद चंचल दुर्गापाल, अंजू बिष्ट, मधु बिष्ट, वैभव पांडे, हेम तिवारी, विकास कुमार, भूपेंद्र जोशी, मुकेश कुमार डैनी, रोहित सिंह कार्की, कुलदीप मेर, प्रदीप कुमार, गुंजन सिंह चम्याल, दीपक कुमार, अनूप भारती, कमला किरोला, नवीन चंद्र आर्य, विजय भट्ट, जानकी पांडे और इंतक़ाब कुरैशी समेत कई पार्षद मौजूद रहे।

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