
देहरादून, 29 अगस्त (सू. ब्यूरो): राष्ट्रीय खेल दिवस – 2025 के अवसर पर परेड ग्राउंड स्थित बहुउद्देश्यीय क्रीड़ा हाल में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार घोषित किया। मेजर ध्यानचंद की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि खेल और खेल भावना समाज को ऊर्जा, अनुशासन और प्रेरणा प्रदान करती है। उन्होंने मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए कहा कि हॉकी जादूगर ने दुनिया को भारत की खेल शक्ति से परिचित कराया और हिटलर तक को देशभक्ति का अर्थ समझा दिया।
“देवभूमि” से “खेलभूमि” की ओर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की सफलता ने राज्य को “देवभूमि” के साथ “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित कर दिया है। पहली बार राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश ने 103 पदक जीतकर 7वां स्थान हासिल किया और नया इतिहास रचा। उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड में विश्वस्तरीय खेल अधोसंरचना विकसित हो चुकी है, जिसके चलते राज्य न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन के लिए भी सक्षम बन गया है।
उन्होंने हिमाद्रि आइस रिंक के जीर्णोद्धार और वहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत में शीतकालीन खेलों के नए युग की शुरुआत है और उत्तराखंड इस क्षेत्र में देश का नेतृत्व करेगा।
आठ शहरों में बनेंगी खेल अकादमियां
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही “स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान” लागू करने जा रही है। इसके अंतर्गत आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना होगी। इन अकादमियों में प्रतिवर्ष 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिलेगा।
इसके साथ ही हल्द्वानी में पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। नई खेल नीति के तहत राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी का अवसर दिया जाएगा। सीएम ने बताया कि आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों में निःशुल्क शिक्षा और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है तथा “खेल छात्रवृत्ति योजना” से हजारों युवाओं को लाभ मिल रहा है।
खिलाड़ियों को मिला सम्मान और प्रोत्साहन
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 250 से अधिक खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों को लगभग 16 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की। पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों – मनदीप कौर, अमीषा रावत और मनोज सरकार – को 50-50 लाख रुपये दिए गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाले शौर्य सैनी और अभिनव देशवाल को 30-30 लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त “मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना” के अंतर्गत 3,900 खिलाड़ियों को 1,500 रुपये प्रतिमाह और “मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना” के तहत 2,199 खिलाड़ियों को उनकी छात्रवृत्ति की राशि जारी की गई। कुल मिलाकर लगभग साढ़े पाँच करोड़ रुपये खिलाड़ियों के खातों में सीधे स्थानांतरित किए गए।
नई घोषणाएं और भविष्य की तैयारी
सीएम धामी ने इस अवसर पर परेड ग्राउंड में एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक और पवेलियन फुटबॉल ग्राउंड में सिंथेटिक टर्फ लगाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की तैयारी शुरू कर दी है, इसलिए उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल विभाग को अभी से कमर कसनी होगी।
मुख्यमंत्री ने समारोह में पदक विजेता खिलाड़ियों मानसी नेगी और मोहम्मद अरशद को क्रमशः खेल विभाग और पुलिस विभाग में “आउट ऑफ टर्न” नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए।
खेल मंत्री का संबोधन
खेल मंत्री रेखा आर्या ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों के जरिए नए मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से विकसित हो रही खेल सुविधाएं आने वाले समय में हर घर से खिलाड़ियों को जन्म देंगी।
समारोह में सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य स्तरीय खेल परिषद के उपाध्यक्ष हेमराज बिष्ट, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, निदेशक खेल आशीष चौहान समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।