
हैदराबाद | 7 अगस्त 2025: हैदराबाद पुलिस ने सिकंदराबाद स्थित यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर में गैरकानूनी सरोगेसी और बच्चों की तस्करी से जुड़े एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें डॉ. ए. नम्रता, एजेंट्स, क्लिनिक स्टाफ और एक शिशु के जैविक माता-पिता भी शामिल हैं।
पुलिस जांच में सामने आया कि 80 से अधिक दंपत्तियों को सरोगेसी के नाम पर धोखा दिया गया। कुछ मामलों में नवजात शिशु जैविक तौर पर माता-पिता से संबंधित नहीं थे, जबकि कुछ को भुगतान के बावजूद बच्चा नहीं दिया गया।
❗ सरोगेसी की आड़ में शिशु तस्करी
जांच की शुरुआत तब हुई जब एक दंपत्ति को दिए गए बच्चे का DNA मिलान नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने जब गहराई से छानबीन की तो पता चला कि क्लिनिक ने गरीब परिवारों या अन्य स्रोतों से प्राप्त नवजातों को सरोगेसी के तहत दिए जाने वाले जैविक बच्चे बताकर बेचा।
डॉ. नम्रता पर आरोप है कि उन्होंने जबरन सरोगेसी के लिए प्रेरित किया, भले ही दंपत्ति चिकित्सकीय रूप से सक्षम थे। उन्होंने कथित तौर पर 44 लाख रुपये तक की भारी-भरकम फीस वसूली, जबकि कानूनी और चिकित्सकीय मानकों की अनदेखी की गई।
📉 धोखाधड़ी का सुनियोजित नेटवर्क
डॉ. नम्रता ने अन्य डॉक्टरों के लाइसेंस और सर्टिफिकेट का दुरुपयोग कर अवैध प्रक्रियाएं संचालित कीं। एक 94 वर्षीय चिकित्सक के नाम से बिना उनकी जानकारी के फर्जी मेडिकल कागज़ात तैयार किए गए।
इस मामले में विशाखापट्टनम की एक महिला डॉक्टर डॉ. विद्युलता को भी गिरफ्तार किया गया है, जो नम्रता की करीबी सहयोगी बताई जा रही हैं। आरोप है कि वह फर्जी मेडिकल नोट्स बनाकर अवैध कार्यों में मदद करती थीं।
💸 मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी की भी जांच
पुलिस अब डिजिटल और नकद ट्रांजैक्शनों की जांच कर रही है। शक है कि इस नेटवर्क के जरिए बड़ी धनराशि की हेराफेरी की गई है। यदि मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिलते हैं तो मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपा जाएगा।
🏥 सरकार सख्त, राज्यभर के IVF क्लीनिकों की होगी जांच
तेलंगाना सरकार ने पूरे राज्य में निजी फर्टिलिटी सेंटर्स और IVF क्लीनिकों का निरीक्षण करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है। समिति को ART (विनियमन) अधिनियम 2021 और सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम 2021 के तहत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
समिति को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
🧬 अब उठी मांग: DNA टेस्ट हो अनिवार्य
इस घटना के बाद सरोगेसी से जन्मे बच्चों के लिए DNA मिलान की अनिवार्यता पर बहस शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे धोखाधड़ी और मानव तस्करी के मामलों पर रोक लग सकती है।
इस समय पुलिस आरोपियों की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दे रही है। डॉ. नम्रता और उनके सहयोगियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई जल्द होने की संभावना है।
सरकार और पुलिस इस मामले को ‘टेस्ट केस’ के रूप में देख रही हैं, जो देशभर के IVF सेक्टर में चल रही काली कमाई और अनैतिक प्रक्रियाओं पर बड़ी चोट कर सकता है।