
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्स: अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन’ पुस्तक का औपचारिक विमोचन किया। यह पुस्तक उच्च शिक्षा में छात्रों की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक भलाई को लेकर सामूहिक ज़िम्मेदारी के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि छात्र जीवन की चुनौतियों को समझते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों की समग्र भलाई के लिए व्यावहारिक और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने पुस्तक के हिंदी संस्करण को भी जल्द तैयार करने की आवश्यकता जताई, जिससे यह ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों और शिक्षकों तक पहुंच सके।
धामी ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को सबसे पहले लागू किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के मानसिक और भावनात्मक कल्याण पर विशेष बल दे रही है।
“हायर एजुकेशन संस्थानों को केवल ज्ञान के केंद्र नहीं, बल्कि छात्रों के कल्याण के केंद्र के रूप में भी विकसित करने की जरूरत है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
यह पुस्तक प्रो. कमल किशोर पांडे (निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड), प्रो. लता पांडे (डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय) और डॉ. रामानंद (निदेशक, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, नई दिल्ली) द्वारा संयुक्त रूप से संपादित की गई है। इसमें छात्र कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य, परामर्श, और संस्थागत जिम्मेदारियों को लेकर विभिन्न आयामों और हितधारकों की भूमिकाओं पर प्रकाश डाला गया है।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन, भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, डॉ. के. डी. पुरोहित सहित अन्य शिक्षाविद और विशेषज्ञ उपस्थित रहे।