
नई दिल्ली/पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान का जोरदार बचाव किया है। विपक्ष द्वारा इस प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाने के बीच चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि “देश के किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा, लेकिन घुसपैठियों को वोट देने का हक नहीं दिया जा सकता।”
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में सुधार की इस प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। विपक्ष ने जहां इस अभियान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है, वहीं एनडीए के अहम नेता पासवान ने SIR को “संवैधानिक और पूर्व निर्धारित प्रक्रिया” बताया।
🔹 “वोट का अधिकार देश के नागरिकों के लिए, घुसपैठियों के लिए नहीं” – चिराग पासवान
पटना में संवाददाताओं से बातचीत में चिराग पासवान ने कहा,
“यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। देशभर में अब तक चार बार ऐसा पुनरीक्षण हो चुका है। इस बार भी बिल्कुल वैसी ही प्रक्रिया अपनाई जा रही है। कोई भी वैध भारतीय मतदाता इससे प्रभावित नहीं होगा। लेकिन जो घुसपैठिए हैं, उन्हें वोट देने के अधिकार का दुरुपयोग करने नहीं दिया जाएगा।”
चिराग ने विपक्ष पर “राजनीतिक भ्रम फैलाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को गुमराह करने के बजाय लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना चाहिए।
🔸 विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप, संसद से सड़क तक जताया विरोध
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि SIR की आड़ में चुनिंदा समुदायों को टारगेट कर मतदाता सूची से हटाया जा रहा है। कांग्रेस, राजद, जेडीयू समेत कई दलों ने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। कई सांसदों ने मतदाता अधिकारों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की।
🔍 चुनाव आयोग का डेटा: 99.8% मतदाताओं तक पहुंच, लाखों नामों में संशोधन
चुनाव आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत अब तक 99.8% से अधिक मतदाताओं का सत्यापन किया जा चुका है।
बयान के अनुसार:
- 22 लाख मतदाताओं की पहचान ‘मृत’ के रूप में हुई है
- 35 लाख से अधिक मतदाता स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित पाए गए हैं
- लगभग 7 लाख मतदाता ऐसे हैं जो एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत थे
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि यह अभियान मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है, न कि किसी विशेष समूह को निशाना बनाने के लिए।
✅ क्या है SIR प्रक्रिया?
विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसके तहत चुनाव आयोग समय-समय पर मतदाता सूचियों का अपडेट और सत्यापन करता है। इसमें:
- मृत, दोहराए गए या स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाया जाता है
- नए पात्र नागरिकों को जोड़ा जाता है
- पता या विवरण में बदलाव को मान्यता दी जाती है
📌 राजनीतिक असर: चुनावी साल में संवेदनशील मुद्दा बना SIR
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मतदाता सूची को लेकर उठे विवाद ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। विपक्ष जहां इसे “चुनावी धांधली की तैयारी” बता रहा है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन इसे “मतदाता सूची की सफाई और पारदर्शिता” का नाम दे रहा है।