
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बहुप्रतीक्षित ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट किया कि इस सैन्य कार्रवाई के दौरान भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के 13 एयरबेस तबाह हुए, लेकिन भारत की ओर से “एक भी नुकसान की तस्वीर तक नहीं दिखी”।
डोभाल ने गुरुवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा,
“विदेशी मीडिया में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई गईं, लेकिन सच्चाई ये है कि 23 मिनट में हमने 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। और सबसे गर्व की बात यह रही कि इसमें हमने स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया।”
पाकिस्तान को चीन-तुर्किए से मिल रही थी मदद
इससे पहले, भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन और तुर्किए से सैन्य सहयोग मिल रहा था।
- चीन पाकिस्तान को रियल टाइम सैटेलाइट इंटेलिजेंस दे रहा था।
- तुर्किए और चीन की ओर से हथियार सप्लाई की जा रही थी।
जनरल सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त भारतीय सीमाओं पर केवल एक नहीं, बल्कि तीन से चार स्तर पर दुश्मन मौजूद थे।
“पाकिस्तान केवल चेहरा था। उसके पीछे चीन की गहरी भूमिका थी,” — जनरल सिंह।
चीन बना पाकिस्तान की ‘लाइव वॉर लैब’
सेना के अनुसार, पाकिस्तान को मिलने वाला 81% सैन्य साजो-सामान चीन से आता है, और बीजिंग इसे युद्धकालीन परिस्थितियों में अपने हथियारों के परीक्षण और विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल करता है।
डोभाल और सेना की तरफ से आए इन बयानों से एक बात साफ होती है— भारत अब केवल जवाब नहीं देता, बल्कि युद्ध के मैदान में रणनीतिक बढ़त लेकर दुश्मन को चौंकाता भी है।
संक्षेप में:
- ऑपरेशन सिंदूर में भारत को कोई सैन्य नुकसान नहीं हुआ।
- पाकिस्तान के 13 एयरबेस और 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया।
- स्वदेशी हथियारों के सफल उपयोग पर गर्व।
- पाकिस्तान को चीन और तुर्किए से मदद मिल रही थी।
- सेना ने इसे मल्टी-फ्रंट वार करार दिया।