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महाराष्ट्र में पास हुआ ‘जन सुरक्षा बिल 2024’: माओवाद और उग्रवाद पर सरकार का सख्त वार

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मुंबई, 11 जुलाई 2025 | ब्यूरो रिपोर्ट: देवेंद्र फडणवीस सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में ‘स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल 2024’ पारित कर दिया है। इस कानून के लागू होने के साथ ही राज्य में माओवादी गतिविधियों और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर अब तुरंत और कठोर कार्रवाई संभव हो सकेगी।


क्या है ‘जन सुरक्षा बिल’?

यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा बनने वाली गतिविधियों और संगठनों पर नियंत्रण के लिए लाया गया है। इसके जरिए महाराष्ट्र पुलिस को विशेष अधिकार दिए गए हैं, जिसमें किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा दर्ज किए, केवल संदेह के आधार पर तत्काल हिरासत में लिया जा सकता है।

राज्य सरकार का कहना है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा और झारखंड जैसे राज्यों में पहले से ऐसे कानून लागू हैं, और महाराष्ट्र में माओवादी गतिविधियों की चुनौती को देखते हुए यह आवश्यक था।


बिल की खास बातें

  • यह एक गैर-जमानती कानून है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनने पर तत्काल गिरफ्तारी संभव।
  • केवल सब-इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी ही जांच कर सकते हैं।
  • चार्जशीट एडीजी (ADG) स्तर के अफसर की अनुमति के बाद ही दाखिल होगी।
  • उग्रवादी संगठनों के बैंक खातों को फ्रीज़ करने की शक्ति भी इसमें दी गई है।
  • गोपनीय जांच और निगरानी की प्रक्रिया को कानूनी रूप से मान्यता दी गई है।

6 महीने के संघर्ष के बाद मिली मंजूरी

इस बिल को पहली बार दिसंबर 2024 में विधानसभा में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष के कड़े विरोध के चलते इसे जॉइंट सेलेक्ट कमेटी (JSC) के पास भेजा गया। 10 जुलाई 2025 को दोबारा पेश किए गए बिल को अंततः बहुमत से मंजूरी मिल गई।


क्या होगा इस कानून का असर?

  • माओवादियों के प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षा बलों को कार्रवाई में आसानी होगी।
  • युवाओं को गुमराह करने वाले नेटवर्क पर लगाम लगेगी।
  • स्लीपर सेल और फंडिंग नेटवर्क का प्रभावी तरीके से पता लगाया जा सकेगा।
  • राज्य के दो जिलों तक सीमित हो चुके माओवादी प्रभाव को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में यह बड़ा कदम होगा।

माओवादी संगठन क्या हैं?

माओवादी या नक्सली संगठन वामपंथी चरमपंथ पर आधारित समूह हैं जो मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा का अनुसरण करते हैं। इनका मकसद सत्ता का सशस्त्र संघर्ष से परिवर्तन करना है। भारत में छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से लंबे समय से इनके प्रभाव में हैं।

‘जन सुरक्षा बिल 2024’ को महाराष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक और निर्णायक कदम माना जा रहा है। विपक्ष जहां इसे नागरिक स्वतंत्रता पर खतरा बता रहा है, वहीं सरकार का दावा है कि यह कानून देशद्रोही ताकतों के लिए एक कड़ा संदेश है।

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