हिमाचल के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही, घर और वाहन बहे, सड़क भी ध्वस्त

मंडी (हिमाचल प्रदेश): प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है और इस बार इसकी चपेट में आया है मंडी जिला। सोमवार को मंडी के करसोग क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। पंजराट और मेगली गांवों में कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि कई वाहन भी तेज बहाव में बह गए हैं। करसोग बाईपास सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप पड़ गया है।
प्रशासन मौके पर, राहत कार्य जारी
जैसे ही बादल फटने की सूचना मिली, जिला प्रशासन और राहत टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। प्रभावित गांवों में स्थानीय लोग बेहद डरे हुए हैं और सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा मलबा हटाने और आपात राहत पहुंचाने का काम जारी है।
मंडी प्रशासन ने बताया कि प्राथमिक तौर पर किसी जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन संपत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है। राहत शिविरों की स्थापना की जा रही है और प्रभावित परिवारों को तुरंत सहायता दी जा रही है।
पहाड़ी राज्य में लगातार तबाही का सिलसिला
हिमाचल प्रदेश में यह कोई पहली घटना नहीं है। 26 जून को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में भी बादल फटा था, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उस घटना में कई लोग लापता हो गए थे और दर्जनों श्रमिक जल प्रवाह में बह गए थे। कुल्लू में मनुनी खड्ड के पास जलविद्युत परियोजना स्थल पर काम कर रहे मजदूरों के भी बहने की सूचना मिली थी।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी। चार जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया था, जिनमें मंडी भी शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश की तीव्रता बनी रह सकती है।
हिमाचल में मानसून का यह रूप भयावह होता जा रहा है। बादल फटना, सड़कें बहना और गांवों का उजड़ना लगातार सामान्य होता जा रहा है। ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग की तत्परता और पूर्व चेतावनी प्रणाली की मजबूत व्यवस्था समय की आवश्यकता बन चुकी है।