
विकासनगर/देहरादून। उत्तराखंड के सेलाकुई में 23 अप्रैल को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में घायल छात्रा अनुष्का ने आखिरकार 39 दिन बाद जिंदगी की जंग हार दी। अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रहने के बाद सोमवार को उसकी मौत हो गई। अनुष्का की मौत के बाद परिवार और इलाके में शोक की लहर है।
हादसा सेलाकुई निगम रोड पर हुआ था, जब तेज रफ्तार कार ने राजकीय इंटर कॉलेज के पास सड़क किनारे चल रहे 9 छात्र-छात्राओं को कुचल दिया था। यह हादसा तब हुआ जब छात्र स्कूल से घर लौट रहे थे। दुर्घटना में 7 स्कूली छात्र-छात्राएं, एक राहगीर युवती और कार चालक घायल हो गए थे।
बहन को लेने गई थी अनुष्का
जानकारी के मुताबिक, अनुष्का हाई स्कूल की परीक्षा देकर घर पर थी और अपनी छोटी बहन सौम्या, जो कक्षा 6 की छात्रा है, को स्कूल से लेने गई थी। वापसी के दौरान ही हादसा हुआ। कार ने दोनों बहनों समेत अन्य बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लिया। सौम्या को प्राथमिक इलाज के बाद तीन दिन में छुट्टी मिल गई थी, लेकिन अनुष्का को गंभीर हालत में देहरादून के अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां वह 39 दिन तक वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझती रही।
पीड़ित परिवार गहरे सदमे में
अनुष्का की मौत ने परिवार की दुनिया उजाड़ दी है। वह माता-पिता की लाड़ली थी। मोहल्ले और स्कूल में भी वह पढ़ाई और व्यवहार के लिए जानी जाती थी। अनुष्का की मौत की खबर जैसे ही मोहल्ले में फैली, लोग परिजनों को सांत्वना देने उनके घर पहुंचने लगे।
केस में धारा 304 की वृद्धि
सेलाकुई थानाध्यक्ष पी.डी. भट्ट ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद कार चालक को हिरासत में लिया गया था और उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। अब अनुष्का की मौत के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) की बढ़ोतरी की गई है। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
सवालों के घेरे में ट्रैफिक प्रबंधन
इस दर्दनाक हादसे ने स्कूल के समय में ट्रैफिक नियंत्रण और सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूली समय में वाहनों की गति नियंत्रित की जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की जाए।