
वॉशिंगटन। दुनिया की सैन्य और कूटनीतिक गतिविधियों पर निगाह रखने वाली अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) ने अपनी 2025 की वैश्विक खतरा आकलन रिपोर्ट में भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते रणनीतिक तनाव को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान चीन की मदद से अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को उन्नत बनाने में जुटा है, जबकि भारत अपनी सैन्य शक्ति को आधुनिक बनाने के साथ-साथ वैश्विक नेतृत्व के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत चीन को अपनी “प्राथमिक सुरक्षा चुनौती” के रूप में देखता है, जबकि पाकिस्तान को “सहायक सुरक्षा समस्या” माना जाता है। वहीं पाकिस्तान अब भी भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और इसीलिए अपने सैन्य आधुनिकीकरण में परमाणु हथियारों को प्राथमिकता दे रहा है।
आतंकवाद के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई
रिपोर्ट में अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले का भी ज़िक्र किया गया है। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ढांचों पर मिसाइल हमले किए थे। इसके जवाब में 7 से 10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच मिसाइल, ड्रोन और तोपों से भारी गोलाबारी हुई, जिसके बाद 10 मई को युद्धविराम लागू हुआ।
भारत की सैन्य तैयारियां और ‘मेड इन इंडिया’ मिशन
अमेरिकी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूती देने और सेना के आधुनिकीकरण पर ज़ोर दे रहा है। भारत ने हाल ही में परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-1 प्राइम मिसाइल और अग्नि-5 जैसे मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) का परीक्षण किया है। साथ ही, भारत ने अपनी दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी को भी सेवा में शामिल किया है, जिससे उसकी सामरिक क्षमताओं में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है।
चीन-पाकिस्तान गठजोड़ पर चिंता
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए आवश्यक तकनीक और सामग्रियां चीन के माध्यम से प्राप्त कर रहा है। कई बार यह सामग्री हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और यूएई जैसे तीसरे देशों के जरिये पहुंचाई जाती है। अमेरिका की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान और चीन की सेनाएं नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रही हैं। हालांकि, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले दोनों देशों के रिश्तों में खटास भी पैदा कर रहे हैं।
भारत-रूस संबंधों पर भी टिप्पणी
अमेरिकी रिपोर्ट में भारत-रूस संबंधों का भी उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया कि भारत अब रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद को सीमित कर रहा है, लेकिन अब भी रूसी टैंकों और लड़ाकू विमानों पर उसकी निर्भरता बनी हुई है। भारत नहीं चाहता कि रूस पूरी तरह चीन के साथ जुड़ जाए, इसीलिए वह रूस के साथ संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान में आतंकी खतरे बरकरार
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 2024 में आतंकवादी हमलों में 2500 से अधिक लोगों की मौत हुई। पाकिस्तानी सेना के सामने घरेलू आतंकवाद, खासतौर पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूच राष्ट्रवादी गुटों की चुनौती बनी हुई है।
पड़ोसी देशों से तनाव
रिपोर्ट में पाकिस्तान और ईरान के बीच जनवरी 2024 में हुए हवाई हमलों और मार्च 2025 में अफगानिस्तान के साथ हुई सैन्य झड़पों का भी ज़िक्र है। इससे साफ होता है कि पाकिस्तान केवल भारत से ही नहीं, बल्कि अपने अन्य पड़ोसियों के साथ भी तनावपूर्ण रिश्तों का सामना कर रहा है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी रक्षा नीति को केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रख रहा, बल्कि वह चीन और पाकिस्तान दोनों से निपटने के लिए रणनीतिक तैयारी को प्राथमिकता दे रहा है। दूसरी ओर, पाकिस्तान चीन के सहयोग से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है, जिससे दक्षिण एशिया में सामरिक असंतुलन की आशंका गहराती जा रही है।