
नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियाँ अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं। यह अभियान 29 मई को ओडिशा के पुरी से शुभारंभ होगा और 12 जून 2025 तक देशव्यापी स्तर पर चलाया जाएगा।
पूसा स्थित सुब्रहमण्यम हॉल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में श्री चौहान ने देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं सत्ता के सुख के लिए नहीं, बल्कि किसानों की सेवा के लिए कृषि मंत्री बना हूँ। इस अभियान के माध्यम से हम कृषि को उत्पादन से जुड़े आँकड़ों से आगे ले जाकर किसानों के दिलों से जोड़ेंगे।”
कार्यक्रम में कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक वर्चुअल और भौतिक रूप से उपस्थित रहे।
श्री चौहान ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे अनुसंधान को स्थानीय जरूरतों से जोड़ें और बेहतर बीज, उर्वरक के संतुलित उपयोग तथा लागत में कमी जैसे बिंदुओं पर किसानों के साथ सीधे संवाद करें।
उन्होंने कहा कि यह अभियान परिणामोन्मुख होगा, जिसके परिणाम इसी खरीफ सीजन में दिखेंगे, जैसे उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी।
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ में शामिल होंगे:
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731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs)
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113 आईसीएआर संस्थान
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700 से अधिक जिले
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1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद
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कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन जैसे विभागों के अधिकारी और नवाचार करने वाले किसान
अभियान के दौरान वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर उन्नत कृषि तकनीकों, बीजों और योजनाओं की जानकारी देंगे और किसानों की समस्याओं का समाधान सुझाएंगे।
श्री चौहान ने कहा, “खेती कोई पेशा नहीं, यह भावना है। मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं। वैज्ञानिकों के प्रयासों से देश कृतज्ञ रहेगा।”