
देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित राष्ट्रपति निकेतन 24 जून, 2025 से आम जनता के लिए खोला जाएगा। यह ऐतिहासिक कदम राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति की विरासत को जनता के करीब लाने की पहल का हिस्सा है। 186 वर्ष पुराने और 21 एकड़ क्षेत्र में फैले इस एस्टेट को खोलकर नागरिकों को इतिहास, प्रकृति और राष्ट्रपति से जुड़ी विरासत का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त होगा।
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 20 जून को राष्ट्रपति निकेतन का दौरा करेंगी। इस दौरान वह तैयारियों का जायज़ा लेंगी और एक 132 एकड़ के “राष्ट्रपति उद्यान” की आधारशिला भी रखेंगी। यह इकोलॉजिकल पार्क भविष्य में देहरादून के एक प्रमुख पर्यावरणीय और शैक्षणिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
राष्ट्रपति निकेतन, जिसे पहले राष्ट्रपति आशियाना कहा जाता था, का उपयोग पहले राष्ट्रपति अंगरक्षकों द्वारा घोड़ों के प्रशिक्षण के लिए किया जाता था। अब इस विरासत स्थल को एक संग्रहालय और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ कलाकृतियों का प्रदर्शन, अस्तबल, घोड़े, लिली तालाब, रॉकरी तालाब, रोज गार्डन और पेर्गोला जैसे आकर्षण मौजूद हैं।
राष्ट्रपति तपोवन, जो राजपुर रोड पर स्थित 19 एकड़ का एक घना जंगल है, भी आगंतुकों के लिए खुला रहेगा। यहां पगडंडियाँ, पक्षी अवलोकन मंच, लकड़ी के पुल और ध्यान स्थल पर्यटकों को प्रकृति से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं।
राष्ट्रपति उद्यान, जिसे वर्ष 2026 में जनता के लिए खोला जाएगा, को एक सक्रिय पर्यावरण और मनोरंजन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें तितली उद्यान, पक्षीशाला, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, झील, ट्रैक, जल संरक्षण व्यवस्था और एक खुली कक्षा जैसी सुविधाएँ होंगी। इसका उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता, सक्रिय जीवनशैली और प्राकृतिक अनुभव को बढ़ावा देना है।
यह पहल राष्ट्रपति भवन, हैदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम और मशोबरा स्थित राष्ट्रपति निवास की ही तरह जनता की सहभागिता को बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।