
नई दिल्ली : पहलगाम आतंकी हमले के 13 दिन बाद भारत द्वारा किए गए जवाबी सैन्य कार्रवाई—ऑपरेशन सिंदूर—ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस निर्णायक सैन्य कार्रवाई के बाद देश में राजनीतिक एकता और सशस्त्र बलों के प्रति समर्थन का माहौल दिखाई दे रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार
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भारतीय वायुसेना द्वारा प्रीसिजन एयर-स्ट्राइक में पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी शिविरों को टारगेट किया गया।
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इसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक कैंप शामिल थे।
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इस अभियान को भारतीय सेना ने सुरक्षित और सीमित लक्ष्यवध के साथ अंजाम दिया।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया: ‘सरकार को पूरा समर्थन’
हमलों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच असाधारण एकता देखने को मिली।
🔹 राहुल गांधी – (कांग्रेस सांसद)
“भारतीय सेना पर हमें गर्व है। आतंक के खिलाफ देश की लड़ाई में हम एकजुट हैं।”
Proud of our Armed Forces. Jai Hind!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 7, 2025
🔹 मल्लिकार्जुन खरगे – (कांग्रेस अध्यक्ष)
“हमें अपने वीर जवानों पर पूरा भरोसा है जिन्होंने आतंक के ठिकानों को ध्वस्त कर देश की सुरक्षा सुनिश्चित की।”
India has an unflinching National Policy against all forms of terrorism emanating from Pakistan and PoK.
We are extremely proud of our Indian Armed Forces who have stuck terror camps in Pakistan and PoK. We applaud their resolute resolve and courage.
Since the day of the…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 7, 2025
🔹 जयराम रमेश – (कांग्रेस महासचिव, संचार प्रभारी)
“यह राजनीति का नहीं, राष्ट्र की सुरक्षा का समय है। कांग्रेस सरकार के निर्णयों का समर्थन करती है और सेना के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।”
🕊️ राजनीतिक एकजुटता का महत्व
भारत में आमतौर पर सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर राजनीतिक सहमति दिखाई देती है। कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया स्पष्ट संकेत देती है कि:
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भारत में बाहरी खतरे के विरुद्ध राजनीतिक मतभेद गौण हो जाते हैं।
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विपक्ष और सत्ता राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक स्वर में बोलते हैं।
सूत्रों के अनुसार, भारत द्वारा ध्वस्त किए गए शिविरों में से:
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4 शिविर पाकिस्तान के भीतर
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5 शिविर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित थे।
पाकिस्तानी सेना के Special Services Group (SSG) और ISI द्वारा इन शिविरों में आतंकियों को प्रशिक्षण और रसद मुहैया कराई जा रही थी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद को लेकर अब सिर्फ कड़ी निंदा नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
वहीं विपक्ष, खासकर कांग्रेस, द्वारा सरकार को समर्थन देने से राष्ट्रीय राजनीति में परिपक्वता और जिम्मेदारी की भावना का संकेत मिलता है।