
Uttarkashi Tunnel Collapse: गत 12 नवंबर, 2023 से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर अब किसी भी पल बाहर निकल सकते हैं। रेस्क्यू के 17वें दिन रैट माइनर्स फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। जो काम देश—विदेश की महंगी मशीनें नहीं कर पाई, वह रैट माइनर्स संभव करने जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार रैट माइनर्स ने गत दिवस से अब तक काफी लंबी खुदाई कर ली है। इस अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल के अनुसार मैन्युअल ड्रिलिंग 53.9 मीटर तक हो गई है। 57 मीटर पर Tunnel Rescue ब्रेकथ्रू होने की उम्मीद है।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव | माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, "…हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बचे हैं…" pic.twitter.com/EcK2CT86lI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स की मेहनत सफल रही है। सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पाइप पहुंच चुका है। पाइप वेल्डिंग चल रही है ताकि मजदूरों को कोई हानि न पहुंचे। सुरंग के बाहर एंबुलेंस व चिकित्सकों का दल तैनात है। 01 एंबुलेंस भी खड़ी है। जब मजदूर सुरंग से निकाले जायेंगे तत्काल ही चिन्यालीसौड़ अस्पताल उन्हें पहुंचा दिया जायेगा। इधर सीएम धामी भी व्यवस्था पर पूरी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने पाइपों के सहारे सुरंग में दाखिल हो रहे रैट माइनर्स की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखे जाने की बात कही है। कहा कि पूरी शिद्दत के साथ बचाव कार्य चल रहा है।
फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी स्थान पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं।
सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है । फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इसी स्थान पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाए गए अस्थाई मेडिकल कैंप में 8 बेड एवं डॉक्टरों तथा विशेषज्ञों की टीम तैनात हैं।#SilkyaraTunnelRescue pic.twitter.com/abasdmToSc
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) November 28, 2023