New Delhi: चुनावी बॉन्ड (electoral bond) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के सामने दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि हर देश चुनावों में काले धन के इस्तेमाल की समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना इस अवैध धन के खतरे को खत्म करने का एक विवेकपूर्ण प्रयास है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने काले धन से निपटने के लिए 38 लाख शेल कंपनियों पर कार्रवाई समेत केंद्र सरकार के कई अन्य कदमों के बारे में प्रकाश डाला। मेहता ने कहा कि कई तरीकों को आजमाने के बाद भी काले धन के खतरे से अच्छे तरीके से नहीं निपटा जा सका है। इसलिए चुनावी बॉन्ड बैंकिंग प्रणाली और चुनाव में सफेद धन को सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर प्रयास है।