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Health News: दांतों को खोखला करने वाली बीमारी, पायरिया के लक्षण और बचाव

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Health News: जब कभी मुंह से दुर्गंध आती है, तो दूसरों के सामने बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। इस दुर्गंध के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उनमें में से एक पायरिया है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। यह मुंह से जुड़ा रोग है, जिसका प्रभाव मसूड़ों और दांतों पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पायरिया के कारण, पायरिया के घरेलू उपचार और पायरिया से बचाव के तरीके के बारे में बताएंगे। यहां बताए जा रहे घरेलू उपचार न सिर्फ पायरिया को होने से रोक सकते हैं, बल्कि पायरिया होने की अवस्था में उसके लक्षणों को कुछ कम भी कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी की समस्या गंभीर है, तो उसे मेडिकल ट्रीटमेंट जरूर करवाना चाहिए।

पायरिया क्या है?

कई लोगों के मन में यही सवाल उठता है कि पायरिया क्या है? दरअसल, यह मुंह के स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी बीमारी है, जो मसूड़ों को और दांतों को नुकसान पहुंचा सकती है। पायरिया को मसूड़ों की बीमारी के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग दांतों को सहारा देने वाले टिश्यू को प्रभावित करता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो पायरिया रोग बहुत गंभीर हो सकता है, जिससे मसूड़ों की पकड़ दांत से कमजोर हो सकती है और यह टूटकर गिर भी सकते हैं

पायरिया के प्रकार:–

मसूड़े की सूजन यह पायरिया का सबसे सामान्य रूप है। इस स्थिति में मसूड़ों में सूजन हो सकती है और लाल रंग के नजर आ सकते हैं। प्रतिदिन दांतों की सफाई के दौरान इनमें से खून भी निकल सकता है। सामान्य पायरिया मसूड़े की सूजन का उपचार न किया जाए, तो यह हल्के पायरिया का कारण हो सकता है। इस स्थिति में मसूड़े, दांतों के आसपास अपनी जगह छोड़ने लगते हैं। इससे दांतों के आसपास की हड्डी को जल्दी नुकसान हो सकता है। गंभीर पायरिया रोग यह मसूड़ों की बीमारी की सबसे गंभीर स्थिति है। इसमें दांत को सहारा देने वाली हड्डियों को नुकसान पहुंचने लगता है। साथ ही दांत ढीले होने लगते हैं।

पायरिया के कारण:–वैसे तो पायरिया का मुख्य कारण बैक्टीरिया होता है। ये बैक्टीरिया प्लाक बनाते हैं, जिन्हें साफ न करने पर ये टार्टर बन सकते हैं और पायरिया का रूप ले सकते हैं। इसके अलावा भी पायरिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं जैसे कि- धूम्रपान करना, मधुमेह की समस्या होना, लड़कियों और महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन के कारण, मधुमेह की कुछ दवाओं के कारण जो लार के प्रवाह को कम करती हैं, कुछ बीमारियां, जैसे कि एड्स आदि और आनुवंशिक के कारण भी हो सकते है।

पायरिया के लक्षण:- 

पायरिया को इन लक्षणों के जरिए पहचाना जा सकता है जैसे कि- बदबूदार सांस, जो लगातार बनी रहती है, मसूड़ों का लाल रंग में दिखना, लाल रंग में या सूजे हुए मसूड़े, मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों का अधिक मुलायम हो जाना, कुछ भी चबाने पर दर्द होना, दांतों का ढीला हो जाना, दांतों में सेंसिटिविटी महसूस करना, मसूड़ों का अंदर की ओर चले जाना और दांतों का अधिक लंबा दिखाई देना।

पायरिया के लिए घरेलू उपाय:–

पायरिया के लिए कई प्रकार के घरेलू उपचार उपलब्ध हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है। साथ ही हम यहां स्पष्ट कर दें कि ये घरेलू नुस्खे सिर्फ समस्या से उबरने में मदद कर सकते हैं। वहीं, अवस्था अगर गंभीर हो, तो ये पर्याप्त उपचार साबित नहीं हो सकते। इस अवस्था में डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है।

1. बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा के जरिए भी पायरिया का इलाज किया जा सकता है। बेकिंग सोडा में डेंटिफ्राइस (dentifrices) नामक गुण पाया जाता है। यह गुण दांतों से प्लाक और मसूड़े की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे पायरिया से होने वाले जोखिम से बचने में मदद मिल सकती है

2. नमक
नमक के जरिए भी पायरिया की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है। वैसे तो नमक को लंबे समय से ही पायरिया के उपचार में प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। दरअसल, नमक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। इस गुण के कारण यह मसूड़ों की सूजन को कम करके, पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है

3. नारियल तेल
नारियल का तेल भी पायरिया की समस्या को दूर करने के काम आ सकता है। दरअसल, नारियल तेल में लॉरिक एसिड (Lauric Acid) पाया जाता है। इस एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है। इस कारण नारियल तेल को इस्तेमाल करने से प्लाक के कारण बढ़ी हुई पायरिया की समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है (6)। इसके लिए ऑयल पुलिंग विधि का इस्तेमाल किया जाता है।

4. अदरक
अदरक का सेवन भी पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, अदरक में जिंजेरॉल (gingerol) नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है। जिंजेरॉल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है, जो पायरिया के बैक्टीरिया के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर सकता है (7)। इससे पायरिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

5. तुलसी
तुलसी भी पायरिया को ठीक करने में लाभदायक असर दिखा सकती है। दरअसल, तुलसी में एंटीप्लाक प्रभाव (antiplaque Effect ) पाया जाता है (8)। यह गुणकारी प्रभाव प्लाक के कारण होने वाले पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, तुलसी में एंटी-जिंजिवाइटिस (antigingivitis) गुण पाया जाता है। यह गुण मसूड़ों में होने वाली सूजन को ठीक करके पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। इसे माउथवॉश की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

6. लेमन ग्रास ऑयल
पायरिया से बचाव के तरीके में लेमन ग्रास ऑयल भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, लेमन ग्रास ऑयल में सिट्रोनेलोल (Citronellol), डी-लिमोनीन (D-Limonene) और गेरान्योल (Geraniol) जैसे केमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं। ये कंपाउंड पायरिया की गंभीर स्थिति को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकने में मदद कर सकते हैं। साथ ही प्लाक के कारण बढ़े हुए पायरिया के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।

7. लौंग
पायरिया के घरेलू उपचार में लौंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार लौंग में एंटीप्लाक (antiplaque), एंटीजिंजिवाइटिस (antigingivitis) और एंटी-बैक्टीरियल (antibacterial) गुण पाए जाते हैं। इन क्रियाओं के कारण यह पायरिया से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही यह क्रिया पायरिया के उपचार और रोकथाम में सक्रिय असर दिखा सकती है।

8. काली मिर्च
काली मिर्च का सेवन भी मुंह के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक असर दिखा सकता है। दरअसल, काली मिर्च में पीनेनेस (pinenes), डी-लिमोनीन (d-limonene) और कैरोफिललाइन (caryophylline) जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं। इन कंपाउंड के कारण ही काली मिर्च का सेवन मसूड़ों से खून आने जैसी समस्या को कम कर सकता है। इसके लिए काली मिर्च का पेस्ट इस्तेमाल किया जा सकता है।

9. टी ट्री ऑयल
पायरिया के लक्षणों को टी ट्री ऑयल के जरिए भी कम किया जा सकता है। टी ट्री ऑयल में एंटीप्लाक (antiplaque), एंटीजिंजिवाइटिस (antigingivitis) और एंटी-बैक्टीरियल (antibacterial) गुण पाए जाते हैं। ये सभी गुण पायरिया से होने वाले जोखिम को कम कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी को पायरिया है, तो उसकी रोकथाम में लाभदायक परिणाम दिखा सकते हैं (11)।

10. ऑयल पुलिंग
दांतों की साफ-सफाई के लिए ऑयल पुलिंग का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। यह ऐसी विधि है, जिसमें ऑयल के जरिए दांतों को साफ किया जाता है। इसके लिए घर में ही ऐसे तेल उपलब्ध रहते हैं, जिनसे ऑयल पुलिंग की जा सकती है। ऑयल पुलिंग के लिए सूरजमुखी का तेल (sunflower oil), तिल का तेल (sesame oil) और नारियल का तेल (coconut oil) इस्तेमाल किया जा सकता है।

पायरिया से बचने के उपाय:–

पायरिया में निम्न खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जैसे कि- स्वीट फ्रूट, जैसे – ड्राई फ्रूट्स, खट्टी स्वाद वाली कैंडी, ब्रेड, एल्कोहल, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, बर्फ, खट्टे फ्रूट्स और आलू के चिप्स आदि।

पायरिया का इलाज:-

पायरिया का इलाज इस प्रकार किया जा सकता है  स्केलिंग या रूट प्लानिंग पायरिया का इलाज हो सकता है। एंटीबायोटिक्स के जरिए पायरिया का इलाज हो सकता है। ध्यान रहे कि इसका सेवन केवल डॉक्टरी सलाह पर ही करें। सर्जरी के जरिए – पेरियोडोंटाइटिस के गंभीर मामलों में दंत चिकित्सक (डेंटिस्ट) को बुरी तरह से खराब हो चुके मसूड़ों को खोलकर उसे साफ करने की भी आवश्यकता हो सकती है। जिंजिवल ग्राफ्टिंग के जरिये अगर मसूड़ों के टिश्यू सिलाई करने के कारण बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं, तो डेंटिस्ट खराब मसूड़ों को हटा सकते हैं।

पायरिया से बचे रहने के लिए कुछ उपाय:-

1- रोज सुबह और रात को सोने से पहले कम से कम 3 मिनट तक ब्रश करना चाहिए।
2- रोजाना फ्लॉस करना चाहिए।
3- जो लोग सही तरीके से ब्रश या फ्लॉस नहीं कर रहे हैं, तो वो डेंटिस्ट से सही तरीके के बारे में पूछ सकते हैं।
4- हमेशा फ्लोराइड टूथपेस्ट के साथ ही ब्रश करें।
5- नरम व मुलायम ब्रिसल वाले टूथब्रश का ही उपयोग करें।
6- कम से कम हर 3 से 4 महीने में अपने टूथब्रश को बदल दें।
7- स्वस्थ आहार खाएं। चीनी से बने स्नैक्स और जंक फूड से बचें। ऐसे खाने से दांतों पर प्लाक जमा हो सकता है, जो पायरिया का कारण बन सकता है।
8- धूम्रपान न करें। सिगरेट पीने और तंबाकू चबाने से ये मुंह की जलन का कारण बन सकते हैं और मसूड़ों व दांतों के लिए हानिकारक होते हैं।
9- समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते रहें। वर्ष में कम से कम दो बार दांत अवश्य साफ करवाएं। इससे पायरिया से जुड़ें जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

इस लेख में बताए गए घरेलू उपाय पायरिया का सटीक उपचार तो नहीं हो सकते, लेकिन इसके लक्षण को कम करने में मदद जरूर कर सकते हैं। अगर आप कोई अन्य जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपने सवाल लिखकर हमें भेज सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पाठकों को यह लेख जरूर पसंद आया होगा। हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

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