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सात महीने का बच्चा प्रेग्नेंट, पेट में था दो किलोग्राम का भ्रूण, अब तक दुनिया में लगभग 200 केस

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प्रयागराज में एक गजब की घटना सामने आई है जिसे देखकर सरोजिनी नायडू चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि सात महीने के शिशु के पेट में दो किलोग्राम का भ्रूण पल रहा था। डॉक्टरों ने शिशु के पेट से 2 किलोग्राम वजन का भ्रूण निकाला और इस प्रक्रिया के लिए सर्जरी चार घंटे तक चली। सात महीने का शिशु इस दुर्लभ स्थिति से पीड़ित था और उसका पेट लगातार फूलता जा रहा था। सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर डी कुमार ने कहा कि ऑपरेशन के बाद बच्चा अब ठीक है और स्वस्थ है।

बच्चे के पिता एक किसान हैं, उसे 24 जुलाई को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल की ओपीडी में लाए थे। डॉक्टर कुमार ने कहा कि शिशु का पेट फूला हुआ था और उसे तेज दर्द हो रहा था जिससे बच्चा लगातार रो रहा था। प्रारंभिक जांच के बाद सीटी स्कैन किया गया जिससे बच्चे के पेट में भ्रूण की मौजूदगी का पता चला। डॉक्टर ने कहा, बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे की मां की मृत्यु हो गई थी। डॉक्टर ने बताया कि यह एक दुर्लभ स्थिति है जहां एक विकृत और परजीवी भ्रूण अपने जुड़वां बच्चे के शरीर के भीतर पलता रहता है। यह तब होता है जब जुड़वां बच्चों में से एक मां के गर्भ में विकसित होता है जबकि दूसरा गलती से दूसरे जुड़वां के शरीर के अंदर विकसित हो जाता है। मेडिकल की भाषा में हम इसे ‘फीटस इन फीटू’ कहते हैं यानी बच्चे के अंदर बच्चा। विज्ञान की भाषा में इसे दो स्पर्म और दो ओवम के आपस में मिलकर दो जाईगोट बनाने से होता है। इस तरह के मामले बहुत रेयर कंडीशन में ही देखने को मिलते है। अबतक दुनिया में लगभग 200 केस ऐसे देखे गए हैं।

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