पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेशों में दखल देने से इनकार किया. इस फैसले से ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग को झटका लगा है. हाईकोर्ट के केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ अर्जी खारिज हो गई है. हाईकोर्ट के आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो, क्योंकि राज्य एक ही दिन में सभी सीटों पर चुनाव करा रहा है. इन परिस्थितियों में हम पाते हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि चुनाव कराना हिंसा करने का लाइसेंस नहीं है. निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव जमीनी स्तर के लोकतंत्र की पहचान है. हिंसा के माहौल मे चुनाव नहीं कराया जा सकता. निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित किए जाने चाहिए. इससे पहले प. बंगाल पंचायत चुनाव हिंसा मामले में ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.