नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों की एकजुटता की कवायद के बीच कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मंगलवार को उस वक्त आमने-सामने आ गए, जब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल में अपने एक विधायक के दलबदल करने को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी पर तीखा प्रहार किया. रमेश ने अपने इकलौते विधायक बायरन बिस्वास के सत्तारूढ़ दल (टीएमसी) में शामिल होने को लेकर कहा कि इस तरह की खरीद-फरोख्त से विपक्षी एकजुटता को मजबूती नहीं मिलेगी और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के उद्देश्य पूरे होंगे. इस पर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय दल के रूप में कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि क्षेत्रीय दलों की अपनी बाध्यताएं हैं.
Three months after he was elected as a Congress MLA in a historic victory Bayron Biswas has been lured away by the TMC in West Bengal. This is a complete betrayal of the mandate of the people of the Sagardighi Assembly constituency. Such poaching which has happened earlier in…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 30, 2023
रमेश ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘ ऐतिहासिक जीत के तीन महीने बाद कांग्रेस विधायक बायरन बिश्वास को टीएमसी ने प्रलोभन देकर अपने साथ कर लिया. यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र की जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात है. इस तरह की खरीद-फरोख्त पहले भी गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और कुछ राज्यों में हो चुकी है. इससे विपक्षी एकता मजबूत नहीं होगी और सिर्फ भाजपा के उद्देश्यों की पूर्ति होगी.”
इस बारे में पूछे जाने पर ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा, “हम सभी राष्ट्रीय स्तर पर एकसाथ हैं. सभी दलों को समझना होगा कि क्षेत्रीय पार्टियों की अपनी बाध्यताएं हैं. हम सिर्फ मेघालय और गोवा में चुनाव लड़े. जब कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल और छत्तीसगढ़ में लड़ी थी, तब हमने कोई परेशानी पैदा नहीं की, बल्कि समर्थन दिया.”