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8 घंटे की बारिश ने दिल्ली-एनसीआर को किया जलमग्न, उत्तराखंड-हिमाचल में अलर्ट, यूपी के 30 जिले बाढ़ की चपेट में

अगस्त में टूटा कई सालों का रिकॉर्ड, सड़कों पर तैरती गाड़ियां, जनजीवन ठप; पहाड़ी राज्यों में ऑरेंज अलर्ट जारी

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में सोमवार देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे इलाके को पानी-पानी कर दिया। लगातार 8 घंटे तक हुई झमाझम बारिश के चलते राजधानी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की प्रमुख सड़कों पर जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। सुबह होते ही कई जगहों पर वाहन पानी में आधे से ज्यादा डूब गए, जिससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित रहा। ऑफिस जाने वाले लोगों को लंबा जाम और जलभराव से जूझना पड़ा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही इस बारिश की संभावना जताई थी। विभाग के अनुसार, अगस्त महीने में हुई इस बारिश ने पिछले कई वर्षों का तापमान रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिससे सुबह का न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री कम दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अगले 24 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।


दिल्ली-एनसीआर में सड़कें बनीं तालाब, यातायात व्यवस्था चरमराई

दिल्ली के आईटीओ, मिंटो रोड, गुरुग्राम-मेहरौली रोड, द्वारका, मयूर विहार और मथुरा रोड समेत कई इलाकों में पानी भर गया। नोएडा के सेक्टर-18, 62 और एक्सप्रेसवे के कई हिस्सों में गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। गाजियाबाद के राजनगर, वसुंधरा और मोहन नगर में भी पानी निकासी की स्थिति बेहद खराब रही। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें कारें और बाइकें पानी में आधी डूबी नजर आ रही हैं।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को जलभराव वाले इलाकों से बचकर निकलने की सलाह दी है। साथ ही, मेट्रो स्टेशनों के आसपास भी पानी भरने की खबरें सामने आई हैं, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


उत्तराखंड-हिमाचल में अलर्ट, पहाड़ी रास्तों पर सफर से बचने की सलाह

उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में लगातार बारिश के चलते भूस्खलन और नदियों का जलस्तर बढ़ने की स्थिति बन गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट मोड पर रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, चंबा, मंडी और कांगड़ा जिलों में भी भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है। कई जगहों पर भूस्खलन के चलते सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप होने की भी खबर है। मौसम विभाग ने इन दोनों राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए अगले दो दिनों तक सावधानी बरतने की अपील की है।


उत्तर प्रदेश के 30 से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में

भारी बारिश ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और तराई क्षेत्रों में कहर बरपा दिया है। गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, बलिया और बस्ती समेत 30 से ज्यादा जिले बाढ़ के पानी में घिर चुके हैं। कई गांवों का संपर्क टूट गया है, जबकि राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।


मौसम विभाग की चेतावनी और सुझाव

IMD ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटों में दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, हिमाचल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने, पहाड़ी और जलभराव वाले इलाकों से दूर रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

राजधानी दिल्ली से लेकर पहाड़ी राज्यों और उत्तर प्रदेश तक, इस मानसूनी बारिश ने जहां एक ओर तापमान में राहत दी है, वहीं दूसरी ओर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जलभराव, जाम, बाढ़ और भूस्खलन जैसी चुनौतियां लोगों के सामने खड़ी हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए यह बड़ा इम्तिहान है कि वह राहत और बचाव कार्य को कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से अंजाम देता है।

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