
देहरादून, 1 सितंबर 2025। देहरादून को “महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों” की सूची में शामिल करने पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने कड़ा ऐतराज़ जताया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने साफ कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह निजी कंपनी का सर्वे है और इसका न तो राज्य महिला आयोग से और न ही राष्ट्रीय महिला आयोग से कोई संबंध है।
बीते 28 अगस्त को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पीवैल्यू एनालिटिक्स नामक प्राइवेट कंपनी के सर्वे पर आधारित पुस्तक ‘नारी 2025’ का विमोचन किया गया था। इसमें 31 शहरों की 12,770 महिलाओं के आधार पर महिला सुरक्षा का स्कोर जारी किया गया है। इसी रिपोर्ट में देहरादून को असुरक्षित शहर बताया गया, जिस पर आयोग ने कड़ा विरोध दर्ज किया है।
महिला आयोग का रुख
अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा –
- “महिला सुरक्षा को लेकर देहरादून की छवि धूमिल करना निंदनीय है।”
- “प्रदेश की महिलाएं जानती हैं कि यहां सरकार और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।”
- “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील हैं और हर मामले में कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करते हैं।”
राष्ट्रीय महिला आयोग का भी नहीं समर्थन
इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर मौजूद थीं। कुसुम कण्डवाल के मुताबिक, उन्होंने भी फोन पर बातचीत में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग का इस सर्वे से कोई संबंध नहीं है और यह रिपोर्ट आयोग द्वारा जारी नहीं की गई है।
आगे की कार्रवाई
महिला आयोग ने कहा कि वह इस निजी सर्वे की पूरी रिपोर्ट तलब करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
आयोग का साफ कहना है कि महिला सुरक्षा की एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स (एनएआरआइ) का महिला आयोग से कोई ताल्लुक नहीं है और इस तरह की निजी रिपोर्टें केवल गुमराह करने और शहर की छवि खराब करने का प्रयास हैं।